रिपोर्टर- महेन्द्र शर्मा बन्टी
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के सभागार में गत दिनों इफको द्वारा एक दिवसीय नमो ड्रोन दीदियों एवं ड्रोन उद्यमियों के लिये नैनो उर्वरकों के छिड़काव पर कार्यशाला आयोजित की गई । इस कार्यक्रम में भारी संख्या में नमो ड्रोन दीदियों एवं ड्रोन उद्यमियों द्वारा भाग लिया गया। एवं खरीफ फसल के लिए ड्रोन से छिड़काव हेतु कार्य योजना तैयार की गई
इफको द्वारा आयोजित कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित शशिकांत द्विवेदी, इफको आमसभा प्रतिनिधि नई दिल्ली एवं संचालक जिला सहकारी केंद्रीय बैंक राजनांदगांव ने सभी नमो ड्रोन दीदियों एवं ड्रोन उद्यमियों को संबोधित करते हुए कहा कि धरती हमारी माता है,ज्यादा रासायनिक खाद के उपयोग से बंजर होती धरती माता की उर्वरा शक्ति तो कम हो ही रही है साथ में मिट्टी, हवा एवं पानी भी प्रदूषित हो रहा है ।प्रदूषण बढ़ने से तापमान में भी बढ़ोतरी हो रही एवं भूजल भी पीने योग्य नहीं रहा। इसलिये धरती मां के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने एवं किसानों के हित में दानेदार रासायनिक उर्वरकों का उपयोग धीरे धीरे बंद कर नैनो उर्वरकों का उपयोग करना सभी किसानों के लिए ज्यादा लाभकारी होगा। नैनो यूरिया , नैनो डीएपी एवं*सागरिका के उपयोग से कृषि के क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर बनेगा एवं किसानों को लागत भी कम लगेगी एवं पैदावार भी अधिक प्राप्त होगी। केंद्र व राज्य सरकार भी इन उत्पादों को ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने हेतु प्रेरित कर रही हैं। श्री द्विवेदी ने केंद्र सरकार की लखपती दीदी योजना की जानकारी देते हुए बताया कि एक ड्रोन से प्रतिदिन 20 एकड़ एवं वर्षभर में 4000 एकड़ का छिड़काव कर 300 रूपए प्रति एकड़ किसानों से चार्ज करने पर प्रतिवर्ष 12 लाख रुपए तक आमदनी प्राप्त की जा सकती है। इस प्रकार ड्रोन दीदियों का लखपति दीदी बनने का सपना साकार हो सकेगा।
कार्यशाला में राज्य विपणन प्रबंधक इफको ,आर.एस.तिवारी द्वारा नैनो यूरिया व नैनो डीएपी के उपयोग विधि पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। छत्तीसगढ़ में छिड़काव पद्धति,लाई चौपी विधि व रोपा विधि से ज्यादातर धान बुवाई की जाती है , इन तीनों विधियों में नैनो डीएपी से बीजोपचार के तरीके बताए गए। इसके बाद फसल के किस अवस्था में एवं कितनी मात्रा में नैनो उर्वरक का प्रयोग करना है एवं ड्रोन उड़ाने में क्या-क्या सावधानी रखना है इसके बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई।उपमहा प्रबंधक (कृ.से.), डॉ एस.के. सिंह , द्वारा इफको के सभी उत्पाद जैसे जल घुलनशील उर्वरक, विशिष्ट उर्वरक , सागरिका , जैव- उर्वरक आदि के उपयोग व फायदों के बारे में बताया गया। कार्यक्रम में सागरिका एवं जल घुलनशील उर्वरक का ड्रोन से उपयोग भी बताया गया । इसके बाद इफको द्वारा ड्रोन उद्यमियों हेतु इफको सहकार उड़ान ऐप व किसानों को ड्रोन द्वारा छिड़काव बुकिंग करने हेतु इफको किसान उदय ऐप के बारे में जानकारी दी गई। इफको द्वारा शुरु किये गये ड्रोन अभियान में ड्रोन के साथ-साथ इलेक्ट्रिक ति-पहिया वाहन भी दिया जा रहा है। इलेक्ट्रिक ति-पहिया वाहन के बारे में भी विस्तार से जानकारी व सावधानियां बताई गई एवं टेस्ट ड्राइव भी कराया गया।
सभी नमो ड्रोन दीदियों एवं ड्रोन उद्यमियों को खरीफ हेतु बेहतर कार्य योजना बना कर कार्य करने हेतु प्रोत्साहित किया गया एवं सभी का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कार्यक्रम का समापन किया गया। उक्त कार्यशाला में उपसंचालक उद्यानिकी रायपुर श्री सी. डी. सिंह , श्री शिरीष तिवारी, कार्यालय प्रभारी, प्रदेश सहकारिता प्रकोष्ठ भाजपा, सुरेंद्र कुमार दास सी. एस .सी रायपुर आदि विशेष रूप से उपस्थित थे।