जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती जयति सिंह के निर्देशन में आज मानस भवन में ”तालाब का पुनर्जीवन” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें “भारत के लेकमैन” श्री आनंद मल्लिगावड द्वारा कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों को बताया गया कि उनके द्वारा कैसे वर्ष 2015 से इस कार्य को करने की प्रेरणा मिली और वो अपने जॉब को छोडकर क्यों इस कार्य को करने के लिये चुने। उनके द्वारा यह भी बताया गया कि किन-किन कठिनाईयों का सामना करना पडा और कैसे लोगों को इस कार्य करने के लिये अपने साथ जोडा गया। लेक में किस तरह से अवैध कब्जों को हटाया गया बिना प्रशासन का सहयोग लिये। उनके द्वारा अपने प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि बेंगलूरू में कुल 36 लेक का पुनर्उत्थान किया गया। वह देश के 12 राज्यों के साथ वर्तमान में मिलकर इस विषय पर कार्य कर रहे है। उन्होंने प्राकृतिक तरीके से जल संरक्षण के लिये तालाबों के पुनर्जीवन के समस्त पहलुओं को व्यवहारिक रूप में बताया और उनके द्वारा किये गये कार्यों को भी दिखाया गया। उन्होंने कहा कि जल में भी जीवन होता है, अत: सभी लोग जल संरक्षण की दिशा में कार्य करें और तालाबों को पुनर्जीवित करें। यह कार्य भावी पीढी के लिये बहुत लाभकारी होगा। उनके द्वारा प्रस्तुतीकरण के द्वितीय भाग में तकनीकी विकल्प के बारे में विस्तार से अवगत कराया गया। तदोपरांत भूमि जल संरक्षण बोर्ड भोपाल से उपस्थित डा. राकेश सिंह साईन्टिस्ट द्वारा बोरवेल और अंडर ग्राउण्ड वाटर रिचार्ज पर अपना प्रस्तुतीकरण दिया गया। उनके द्वारा बताया गया कि बोरवेल खनन के दौरान किन-किन बातों को ध्यान में रखा जाये जिससे पानी की उपलब्धता बनी रहे। इस दौरान उन्होंने बोरवेल खनन के लिये स्थान चयन के साथ अन्य विभिन्न पहलुओं के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। जिससे की बोरवेल फेल न हो।
कार्यशाला में सीईओ जिला पंचायत, अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी सहित जिले के समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, सहायक यंत्री, उपयंत्री, ब्लाक समन्वयक एसबीएम, समस्त ग्राम पंचायतों के सचिव एवं ग्राम रोजगार सहायक, कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, जलसंसाधन विभाग एवं अशासकीय संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।