कटनी। कलेक्टर श्री अवि प्रसाद के निर्देश पर जिले में खुले, असफल और असुरक्षित बोरवेलों और नलकूपों को बंद करने की कार्यवाही अभियान स्वरूप में सतत् जारी है।खुले बोरवेल में छोटे बच्चों के गिरने की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जिला प्रशासन संजीदा है। इसलिये अब कटनी जिले में नलकूप खनन करने वाली एजेंसियों और ठेकेदारों को मप्र ई-सर्विस पोर्टल पर अनिवार्य रूप से पंजीयन कराना होगा। इसके लिए मप्र राज्य इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम के माध्यम से परख मोबाइल एप भी तैयार कराया गया है।
कलेक्टर श्री अवि प्रसाद ने मप्र ई-सर्विस पोर्टल पर बोरवेल खनन करने वाली एजेंसियों और ठेकेदारों का पंजीयन सुनिश्चित कराने का दायित्व कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को सौंपा है। कलेक्टर श्री प्रसाद के निर्देश पर बोरवेल एजेंसी पंजीकरण के लिए उपयोगकर्ता पुस्तिका भी तैयार कराई गई है।
बोरवेल खनन के लिए स्थान और समय की भी सूचना पोर्टल और एप में देनी होगी।बोरवेल के सफल या असफल होने की सूचना देने के साथ असफल होने पर सुरक्षित रूप से बंद करने की फोटो भी अपलोड करनी होगी। लोकस्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री के एस डामोर ने बताया कि बोरवेल कराने वाले व्यक्ति या संस्था को इसके सफल या असफल होने पर अक्षांश एवं देशांतर सहित फोटो के साथ जानकारी मोबाइल एप पर दर्ज करनी होगी।
बोरवेल यदि असफल हो जाता है या किसी कारण से उसका उपयोग नहीं किया जा रहा है तो उसे रेत,मिट्टी,गिट्टी आदि से जमीन स्तर पर भरकर बंद कर कांक्रीट का ब्लाक बनाकर सुरक्षित करना होगा।
*ऐप पर मिलेगी सारी जानकारी*
असुरक्षित खुले नलकूप की शिकायत भी मोबाइल ऐप या सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से की जा सकेगी। ऐसी शिकायत पर ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत तथा नगरीय क्षेत्रों में स्थानीय नगरीय निकाय द्वारा संज्ञान लेकर ऐसे असुरक्षित नलकूपों पर दुर्घटनाओं से बचाव के लिए सुरक्षा उपाय करवाए जाएंगे।
एप के माध्यम से नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र में उपलब्ध निजी एवं शासकीय, खुले एवं बंद नलकूपों की जानकारी भी संग्रहित की जाएगी। एप के उपयोग के संबंध में विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों को जल्दी ही प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
*लागू है प्रतिबंधात्मक आदेश*
कलेक्टर श्री प्रसाद द्वारा बीते साल 12 दिसंबर को जिले की संपूर्ण सीमा क्षेत्र मे खुले हुए बोर और ट्यूबवैल को तत्काल ढ़ककर बंद करने के लिए प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया गया था। साथ ही 2 अप्रैल 2023 को आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत मानव जीवन की सुरक्षा की दृष्टि से सूखे कुॅये, बावड़ी और खुले बोर को बंद करने का आदेश जारी किया था। इस आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों एवं संस्थाओं के विरूद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धाराओं एवं भारतीय दंड संहिता की धारा 188 तथा उपयुक्त कानूनी प्रावधानों की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत वैधानिक और दाण्डिक कार्यवाही की चेतावनी भी दी गई थी।
*रहें सावधान और सतर्क*
कलेक्टर श्री प्रसाद ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि प्रायः नागरिकों एवं संबंधित संस्था द्वारा असफल बोरिंग और ट्यूबवैल को खुला छोड दिया जाता है। ऐसे बोर पर नजर रखें इन्हें बंद करायें। इस मामले मे सावधानी और सर्तकता बरतें। आये दिन अन्य किसी जिले से मासूम बच्चों के बोर मे गिरने की खबरें मिलती रहती है। इसलिए जनहित और सुरक्षा के मद्देनजर सावधान और सतर्क रहें।
*जिले भर मे हुआ था सर्वे*
कलेक्टर श्री प्रसाद ने बीते साल की अप्रैल माह में नगरीय निकायों और ग्राम पंचायतों के माध्यम से खुले बोरवेल और अनुपयोगी कुंओं का सर्वे कराया था और उन्हे बंद कराने निर्देशित किया था।
*800 खुले बोरवेल किये गए बंद*
बीते साल के दिसंबर माह मे कलेक्टर श्री प्रसाद ने सभी एस.डी.एम से खुले बोरवेलों को बंद करानें की गई कार्यवाही की जानकारी तलब की थी। जिसमें करीब 800 खुले बोरवेलों की कैपिंग कर बंद करने की कार्यवाही की गई यह कार्य सतत रूप से जारी है। साथ ही कलेक्टर जल जीवन मिशन सहित समय-समय पर समय सीमा की बैठकों में भी अधिकारियों को निरंतर सचेत करते रहे कि नये खुदे बोरवेल जो असफल हो जाते है उनको बंद करने की कार्यवाही निरंतर जारी रखें और इनकी सतत निगरानी रखें। कलेक्टर समय-समय पर बोरवेल खनन से जुड़ी पूरी जानकारी संधारित करने और अनुपयोगी एवं खुले बोरवेल को सुरक्षित रूप से बंद कराने के निर्देश देते रहे है। इसके साथ ही कलेक्टर ने काफी अर्से से उपयोग में नहीं लाये जा रहे कई कुंओं को भी बंद करवाया था।
*इन नंबरों पर दें सूचना*
कलेक्टर श्री प्रसाद ने लोगों से अपील की है कि जिले के हर बच्चे की जिंदगी अनमोल है ऐसे मे यदि आपको जिले मे कहीं भी खुला बोरवेल एवं नलकूप दिखता है तो इसकी सूचना आपदा नियंत्रण कक्ष के दूरभाष नंबरों 07622-220071 और 07622-220072 पर अवश्य दें।