रिपोर्टर सीमा कैथवास
नर्मदापुरम। एसपीएम गेट नंबर 4 रसूलिया रोड मंदिर प्रांगण में चल रही सप्तदिवसीय संगीत में नर्मदा महापुराण कथा के छठवें दिवस मां नर्मदा के कृपा पात्र आचार्य पंडित श्री प्रमोदानंद जी महाराज ऊमरखेड़ी वाले इन्होंने मां नर्मदा के घाट- घाट की अमृत महिमा का वर्णन श्रवण कराते हुए श्रोतागणों को भक्ति के रस में भाव विभोर किया। आचार्य श्री ने मां नर्मदा की महिमा का वर्णन करते हुए कहा मां नर्मदा पवित्र एवं पावन मां है, आचार्य श्री ने कहा जिनके दर्शन मात्र से तीन जन्म के पाप समाप्त हो जाते हैं। आचार्य श्री ने मां नर्मदा को प्रदूषण मुक्त करने की बात कही और कहा जो भी मां नर्मदा में गंदगी करते हैं साबुन एवं शैंपू का उपयोग करके स्नान करते हैं और जो नर्मदा में वस्त्र धोते हैं जो शरीर का मेल नर्मदा में छोड़ते हैं उन्हें सीधे नर्क की प्राप्ति होती है। आचार्य श्री ने कहा मां नर्मदा को स्वच्छ एवं साफ सुथरा रखना चाहिए जो भी मां नर्मदा के तट पर जाकर मां नर्मदा के घाटों की सफाई करते हैं मां नर्मदा के जल में सफाई रखते हैं उन्हें उत्तम फल की प्राप्ति होती है। आचार्य श्री ने कहा काया को स्वच्छ करके जो मां नर्मदा में बिना साबुन शैंपू लगाए स्नान करते हैं उन्हें पूर्ण फल प्राप्त होता है । विशेष तो आचार्य जी ने दर्शन का महत्व बताया है दर्शन मात्र से ही तीन जन्म के पाप नष्ट हो जाते हैं।