कटनी। जिले का ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व का स्थल झिंझरी स्थित चितरंजन शैल वन आगामी 1 अक्टूबर से आम जनता के भ्रमण के लिए के लिए उपलब्ध रहेगा। कलेक्टर कटनी अवि प्रसाद द्वारा जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिले में लगातार विशेष पहल की जा रही है। इसी क्रम में कलेक्टर श्री प्रसाद और डीएफओ गौरव शर्मा ने संयुक्त रूप से जिले में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए चितरंजन शैल वन को आम जनता के लिए खोले जाने के लिए निर्णय लिया था।
*निराश्रित बच्चों के साथ किया था कलेक्टर ने भ्रमण*
उल्लेखनीय है कि विगत माह अपने अभिभावकों को खो चुके करीब 2 दर्जन से अधिक असहाय बच्चों सहित केंद्र और प्रदेश शासन की अन्य बाल योजनाओं के तहत लाभान्वित बच्चों के साथ कलेक्टर अवि प्रसाद ने चितरंजन शैल वन का भ्रमण कर जिले के ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व के शैल चित्रों का अवलोकन किया था। जहां हरे भरे पेड़ों और झाड़ियों के बीच चट्टानों और गुफाओं में हजारों वर्ष पूर्व उस वक्त के मानवों द्वारा बनाए गए शैल चित्रों को देखकर बच्चे अचरज से भर उठे थे। चितरंजन शैल वन भ्रमण दौरान कलेक्टर श्री प्रसाद ने इसे इसे जिले के एक आकर्षक पर्यटन स्थल के रूप में उपयुक्त पाते हुए इसे आमजनता के लिए खोले जाने प्रयास करने की बात कही थी।
*टास्क फोर्स की बैठक में लिया था संयुक्त निर्णय*
चितरंजन शैल वन भ्रमण के बाद कलेक्टर श्री प्रसाद और डीएफओ गौरव शर्मा ने संयुक्त रूप से इस शैल वन को 1 अक्टूबर से आम जनता के लिए खोलने का निर्णय लिया था। टास्क फोर्स की बैठक में कलेक्टर श्री प्रसाद एवम् डीएफओ गौरव शर्मा ने इसकी रूपरेखा तैयार करने के लिए वन अमले को निर्देशित किया था। निर्देशों के परिपालन में जुटे अमले द्वारा इस दिशा में कार्यवाही करते हुए झिंझरी स्थित चितरंजन शैल वन क्षेत्र में आम जनता के सैर सपाटे के लिए माकूल इंतजाम शुरू किए गए, जो अब अपने अंतिम चरण में हैं।
*पहुंच मार्ग निर्मित, लगवाया गया मैन गेट*
ईको टूरिज्म को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से आम जनता के लिए चितरंजन शैल वन क्षेत्र को खोले जाने के तहत उक्त क्षेत्र में दुर्गम पहुंच मार्ग को सुगम बनाते हुए सड़क निर्माण कराया गया है। साथ ही झिंझरी मुख्य मार्ग से चितरंजन शैल वन क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए मुख्य द्वार खोलकर उसमें गेट लगवाया गया है। कलेक्टर श्री प्रसाद और डीएफओ श्री शर्मा ने बताया कि इस पहल से न सिर्फ जिले में ईको टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। बल्कि जिले के आम नागरिक हजारों वर्ष पुराने मानव निर्मित शैल चित्रों का अवलोकन कर जिले की पुरातात्विक और ऐतिहासिक धरोहर को करीब से देख और समझ सकेंगे।