एसडीएम नर्मदापुरम की सकारात्मक पहल रंग लाई,
डेढ़ वर्ष बाद मिल पाए दादा-दादी अपने पोते से
रिपोर्टर सीमा कैथवास
नर्मदापुरम। दादा-दादी को अपने पोते से विशेष प्यार होता है। बुजुर्ग होने पर यदि पुत्र का आकस्मिक निधन हो जाए तब तो और ज्यादा पोते की याद आती है। पुत्र के न रहने पर बहू और पोता दूर चला जाए तो उनकी याद दादा-दादी को सताती है। ऐसा ही एक मामला नर्मदापुरम के नवागत एसडीएम श्री आशीष कुमार पांडेय के संज्ञान में आने पर उनके द्वारा की गई सकारात्मक पहल से डेढ़ वर्ष बाद दादा-दादी पोते से मिल सके। उनकी खुशी का ठिकाना न रहा। उन्होंने प्रशासन की इस पहल की मुक्तकंठ से सराहना की है।
मामला कुछ इस प्रकार था कि एक परिवार में एक बेटे का आकस्मिक निधन हो गया था। उसके बाद बहू अपने बेटे को लेकर सास-ससुर से दूर चली गई थी। लेकिन सास-ससुर को अपनी बहू के साथ पोते की बहुत याद आ रही थी। वे अपने नाती को देखने के लिए ललायित हो रहे थे। इस बात को एसडीएम श्री पांडे ने गंभीरता से लेते हुए पहल शुरू की। शासकीय प्रावधान के तहत पहले ससुर को काल लगाकर बुलाकर चर्चा की उसके बाद बहू को बुलाया गया। दोनों कोे उनकी गलती के संबंध में अवगत कराते हुए सुलह कराई। दोनों पक्ष तैयार हो गए। इस मानवीय पहल से दोनों पक्ष को आत्मीय खुशी हुई।
कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी नीरज कुमार सिंह के निर्देशानुसार कोर्ट के सभी मामले समयावधि के तहत निराकृत करने की पहल पर जोर दिया जा रहा है। निर्धारित तिथि में ही कोर्ट लगे इस पर विशेष फोकस किया जा रहा है। इसी के तहत उक्त मामले में भी एसडीएम श्री पांडेय की मानवीय पहल समाज में एक विशेष प्रेरणादायी है।