सिहोरा:- समुद्र से तीन दिनों तक लंका जाने का आग्रह करने पर भी जब मार्ग नही दिया गया तो मर्यादापुरुषोत्तम भगवान राम को भी शस्त्र उठाना पड़ा था।लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति द्वारा भी एक वर्ष से अधिक समय से म प्र सरकार से निवेदन किया जा रहा है परंतु सरकार ने अपना अड़ियल रवैया नही त्यागा विवश हो अब आंदोलन को लोकतांत्रिक तरीके से तेज किया जाएगा।ये घोषणा लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति ने अपने आंदोलन के 63 वें रविवार को की।
*एक जनवरी से रोज ज्ञापन:-*
लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति ने घोषणा की कि आंदोलन को तेज करते हुए एक जनवरी 2023 से म प्र सरकार के नाम प्रत्येक दिन ज्ञापन सिहोरा प्रशासन को सौंपा जाएगा।इसके लिए समिति के सदस्य अनिल जैन,कृष्णकुमार क़ुररिया,विकास दुबे,रामजी शुक्ला और सुशील जैन की पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया है।
*26 जनवरी को ढीमरखेड़ा से पदयात्रा:-*
समिति के नागेंद्र क़ुररिया,मानस तिवारी ने कहा कि वर्ष 2003 में तत्कालीन सरकार द्वारा आचार संहिता लग जाने के कारण निर्णय लिया गया था कि आचार संहिता की समाप्ति के बाद 26 जनवरी 2004 से सिहोरा जिला अस्तित्व में आ जाएगा परंतु 18 वर्ष के बाद भी ऐसा न हो सका।इसी के कारण आगामी 26 जनवरी 2023 को ढीमरखेड़ा से सिहोरा तक एक पदयात्रा निकाली जाएगी।इसके पूर्व अगले रविवार 25 दिसंबर को ढीमरखेड़ा में आमसभा की जावेगी।
63 वें धरने में जिला की मांग पर हुए धरने में रामजी शुक्ला,रामलाल यादव,नत्थू पटेल,विपिन दुबे,अमित बक्शी,पन्नालाल,जुगल पटेल,करतार भागवानी, सुरेंद्र चौहान,मोहन सोंधिया,सुखदेव कौरव ,मुन्नीलाल कोरी सहित अनेक सिहोरावासी मौजूद रहे।