प्रदीप गुप्ता/नर्मदापुरम/आदिवासी जनसम्पर्क एवं जनजाग्रति पदयात्रा का ग्यारहवे दिन पदयात्रा ग्राम जमानी से प्रारम्भ होकर तीखड, अमाडा, मेहदवाडी, टांगना, पारक्षा , तिली आवली बढ़पुरा रात्रि विश्राम पहुंची।
*ग्यारहवें दिन क्या रहा खास*
सामूहिक स्थानीय समस्याओं के आवेदन की संख्या बढ़ने लगी सभी को सूचीबद्ध किया गया। संरक्षक आदिवासी महिला संगठन मध्यप्रदेश श्रीमती मंजू धुर्वे ने बताया कि आदिवासी जनसंपर्क एवं जनजागृति पदयात्रा का समापन समारोह आदिवासी शिव मंदिर एस पी एम गेट नंबर 3 हरदा रोड नर्मदापुरम में दिनांक 20/10/22 को सुबह 9 बजे होगा। सभी से अपेक्षा है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में उपस्थित होकर पदयात्रा के दौरान आईं सामूहित समस्याओं को सरकार एवं शासन को अवगत कराकर निराकरण करवाये जाने हेतु अपनी उपस्थित देकर इस पवित्र कार्य में सहयोगी बनें। पदयात्रा में भगवती भील राजस्थान, साधना उईके भोपाल, अंशुलशाह मरकाम सिवनी, आकाश कुशराम, रजत मर्सकोले, आ.वि.जिला अध्यक्ष अरूण प्रधान, पूर्व न.उ. अशोक कुशराम, विजय सोलंकी, शिवनंदन मरकाम, नरेंद्र ठाकुर, प्रफुल्य उईके,अभय कुशराम , सुनील भल्लावी, अंकित इवने, सुरेश सरियाम, राम भरोस उईके, दप्पू धुवे, लक्ष्मण इरपाचे, मिठ्ठू अहके, प्रहलाद धुवे, लखन उईके, रामदास उईके, प्रभुलाल उईके, मनोज कुमरे, केशव उईके, विरू मर्सकोले, अर्जुन धुवे, देव कुशराम, गौरव परते, दीपक उईके, राघवेन्द्र उईके, मनीष मर्सकोले, अंकित इवने, मयंक कुमरे, भोला परते, रामकिशोर परते, संतोष भल्लावी, जितेन्द्र उईके, मुनीम मरकाम, गिरधारी सिरसाम, ब्रजेश इवने आदि शामिल होकर पदयात्रा कर रहे हैं।
इनका कहना-
आदिवासी जनसंपर्क और जनजागृति यात्रा में स्थानीय समस्याएं सामने आई है। यह समस्याएं केवल आदिवासी समाज की नहीं बल्कि उस पूरे क्षेत्र की है। सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए।
के के थापक, अध्यक्ष अधिवक्ता संघ नर्मदापुरम
आदिवासी जनजाग्रति यात्रा सामूहिक हित की यात्रा है, इसने आदिवासी युवाओं मे ऊर्जा का संचार भर दिया है।
संदीप ठाकुर, पार्षद वाडं नम्बर 20 नर्मदापुरम
आदिवासी सगाजनों के लिए, आदिवासी सागाजनों द्वारा, नर्मदापुरम जिले मे आयोजित यह तेरह दिवसीय पदयात्रा का परिणाम आदिवासी सागाजनों को एक सूत्र मे पिरोने के साथ – साथ स्थानीय जनसमुदाय की सामूहिक मूल समस्याओं को शासन और प्रशासन के समक्ष लाने के लिए एक प्लेटफॉर्म साबित हुआ है। जिसके कई सुखद तात्कालिक और दीर्घाकालिक परिणाम दृष्टिगोचर होंगे।
डॉ. विनीत साह, इतिहासकार नर्मदापुरम