प्रदीप गुप्ता/ नर्मदापुरम/ जगदीश मंदिर धर्मशाला में चल रही संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के पंचंम दिवस पं.तरुण तिवारी ने कहा कि भगवान का अवतरण धर्म धेनु और धरा के लिए होता है जब तक भारत भूमि पर धर्म है धेनु (गाय) है और धरा (प्रथ्वी) सुरक्षित है तब तक कोई अनिष्ट नहीं हो सकता परन्तु आज धर्म पर कठोराघात हो रहा है जहाँ धर्म है वहीं विजय है यतो धर्मस्ततो जयः भगवान जब जब आएं हे तब धर्म की स्थापना करने आए हे तो धर्म की रक्षा हमारा कर्तव्य है, और धेनु गौमाता जिसकी सेवा स्वयं भगवान भी करते है। आज वह दर दर भटक रही है जिस घर में गौ माता रहती है उस घर में तेतीस कोटि देवता रहते हैं क्योंकि गाय के रोम रोम में देवताओं का वास है। गाय की पूजन करने से सभी देवताओं का पूजन हो जाता है , धरा प्रथ्वी की रक्षा भी हमें करनी होगी पर्यावरण संरक्षण करके स्वक्षता के साथ तभी भारत भूमि सुरक्षित रहेगी। आज कथा के समय आचार्य पंडि़त सोमेस परसाई का पर्दापण हुआ । उन्होने आशीष वचन प्रदान किये एंव श्री भागवत कथा के महत्व को समझाया साथ में भगवताचार्य पंडि़त अनिल मिश्रा का भी आगमन हुआ एंव पूर्व विधायक पंडित गिरिजा शंकर शर्मा ने भी श्री भागवत का श्रवण किया। आगे कथा प्रसंग में भगवान बाल कृष्ण की बाल लीलाऔ का श्रवण कराया पं. जी ने कहा कि पूतना में एक भी गुण नही था न नाम अच्छा न काम अच्छा न कुल अच्छा न खानपान अच्छा फिर भी भगवान ने उसे माँ की गती दी। क्योकि भगवान किस गुण पर रीझ जाए पता नहीं आगे के कथा प्रसंग में सकटासुर उद्धार, तृणावर्त उद्धार, माखनचोरी लीला के माध्यम से भगवान बाल लीलाऔ का श्रवण कराया। आगे कलीया नाग से यमुना को मुक्त कराया कहा कि वस्त्र हरण लीला में भगवान ने गोपीयों के वस्त्र नही वासना का हरण किया था। भगवान वस्त्र चुराते नही बढाते हे आगे गोवर्धन जी का पूजन करके छप्पन भोग लगाए गये परिक्रमा की गई। कल रुक्मणी कृष्ण विवाह तक की कथा होगी दोपः 1 से 5 बजे तक शाम 5 बजे से विशाल बरात नगर में निकाली जाएगी आप एंव धार्मिक महिला मंडल ने सभी शहर वासियों से आग्रह है अधिक से अधिक धर्मबंधु श्री भागवत कथा जी में आकर धर्म का रसपान कर पुन्य अर्जित करें।