प्रदीप गुप्ता/ नर्मदापुरम/ आज श्री मद भागवत कथा के द्वितीय दिवस पर जगदीश मंदिर की धर्मशाला में आयेजित श्री भागवत जी में पंडि़त तरुण तिबारी ने “ वृंदावन के बॉंके बिहारी हमसे पर्दा ना करो मुरारी “
भजन गया तो सब भक्त गण झूम उठे और भगवान की भक्ति में लीन होकर नृत्य करने लगे। पूरा पंडाल जयकारो से गूंज उठा। परीक्षित राजा की कहानी, शुकदेव जी के आगमन कहानी, आगे वाली प्रसंगों की कथा, पॉंडव ओर कौरव की विस्तृत कथा का चित्रण किया। कुन्ती मैया ने भगवान किशन से कहा कि किशन हमको दुख दे दो क्योकि जब तक हमारे पास दुख था तो तुम हमारे साथ थे ओर जब खुशी आई तो आप हमको छोडकर जाने लगे। दुख में सुमरण सब करें दुख में करे ना कोय। सब मिलकर पितामय से कुछ उपदेश दो, तो पितामय ने कहा कि तुम सब शुद्ध भोजन करना क्योकिं जैसे खाये अन्न वैसा होय मन । हाथी, घोड़ा और गाय चाहें तो भूखे मर जाये पर कभी मॉंस नही खा सकते। क्या मनुष्य जानवर से भी ज्यादा खराब हो गया है, जो जानवर को काटकर खा रहा है। एक समय येसा आयेगा जब वह तुम्हें काटकर खायेगा। कई प्रसंग पर छोटी छोटी कहानियों के माध्यम से समझाया। अंत में श्रीमद भागवत जी की सामूहिक आरती की गई। धार्मिक महिला मंडल ने सभी नगर वासियों से आग्रह किया आप सब आकर कथा का श्रवण कर पुन्य अर्जित करें।