*सुरक्षा व्यवस्था और सुरक्षा मे चूक के लिए जिम्मेदार कौन, जबकि देश सुरक्षित हाथो मे अभी तक बताया जाता है, और अब कोई तिरछी नजर दिखा नहीं सकता, तों फिर यह हिमाकत किसने की, जिसकी उच्च स्तरीय जांच कर देशहित में सार्थक कदम उठाए सरकार*
*छिंदवाड़ा:* अखिल भारतीय संघटन पत्रकार सुरक्षा कानून के लिए प्रतिबद्ध प्रेस क्लब ऑफ वार्किंग जर्नलिस्ट परिवार पहलगाम में हुए नरसंहार की घोर निंदा करता हैं, जब कि राष्ट्रीय सुरक्षा, धर्म, राजनीतिक मामलों से बढ़कर आतंकवादियों ने किया मानवतावाद का हनन। जिसकी पुनः पुरजोर निंदा करते हुए बेकसूर मारे गए साथियों को श्रद्धांजलि अर्पित कर आत्म को शान्ति के लिए प्राथना करता हैं, साथ ही पाकिस्तान में 50 किलोमीटर तक घुसकर पाकिस्तानी आतंकवाद के मास्टर माइंड और आतंकवाद को नेस्तनाबूत करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मांग करता है। वही देश वासीयों से अपील करता हैं कि सभी देश वासी मिलकर आतंकवाद के खिलाफ कंधे से कंधा मिलाकर सरकार के साथ खडे रहे। जबकि मजबूत हाथों में देश की बागडोर होने के बावजूद सवाल यह उठता है कि आखिर आतंकवादी देश के अंदर आए कैसे, सुरक्षा में कहा चूक हुई, जिसकी उच्च स्तरीय जांच निष्पक्षता के साथ होनी चाहिए। प्रेस क्लब ऑफ वार्किंग जर्नलिस्ट के नेशनल जनरल सेक्रेटरी डॉo शेख़ जाकिर ने कहा इसी तरह से भारत के लोगो में आतंकवाद और आतंकवादियों द्वारा दहशत फैलाते हुए मारा जा रहा है, तो लानत है ऐसे लोगो पर जो सत्ता मे बैठे और देश वासीयों की रक्षा नहीं कर पा रहे। चुके अब देखना यह होगा की सरकार की चाणक्य नीति किस तरह इस आतंकवाद का मुंह तोड़ जवाब देती है। चुके राजनीती, धर्म, जाति, समुदाय, राज्य, अथवा देश की सीमा क़ो समाप्त कर पूरा विश्व मानवतावाद क़ो समर्थन करता है, या इन्ही ऊलजुलूल सीमाओ में बंध कर आपस में उलझा रहता है। चुके प्रेस क्लब ऑफ वार्किंग जर्नलिस्ट के नेशनल जनरल सेक्रेटरी डॉo शेख़ जाकिर के अनुसार आतंकवाद आज विश्वव्यापी खतरा है, और यह तभी समाप्त होगा जब मानवतावाद क़ो वैश्विक स्तर पर समर्थन मिलेगा, और वैश्विक स्तर एक साथ मुकाबला कर आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने में कामयाब हों सकता है। जबकि राष्ट्र की सुरक्षा के लिए भारतवर्ष का हर भारतीय तैयार है, आदेश भर करे सरकार देश की अजमत के लिए हर भारतीय तत्पर है। पीसीडब्ल्यूजे को बहुत दुख है के हमारे हिंदुस्तानी भाई बहन मारे गए, सोसल मिडिया पर उक्त मामले को इस्लाम जोड़ा जा रहा है, जबकि कड़वा सच यह है कि ऐसे आतंकवादीयों को इस्लाम या मुसलमान से किसी भी तरह का लेना देना नहीं। बेशक़ आतंकवादियों का कोई धर्म कोई जाती नहीं होती है, न है। जबकि इसके पीछे बहुत बड़ी सोची समझी साजिश हो सकती है, के हिंदुस्तान में मुसलमानो के लिए हिंदू भाईयों के दिलो में नफरत पैदा कर आपस में लड़ा सके, ताके दोबारा आतंकी हमला करने में आतंकवाद सफल हो जाए। आतंकवादियों की रीति और नीति को भारत सरकार ने गंभीरता से लेते हुए नेस्तनाबूत करना होगा, ताकि भविष्य में आतंकवाद के मंसूबे कामयाब न हों, और बेगुनाह देशवासी व देश को नुक्सान पहुंचाने में आतंकवाद कामयाब न हो सके।
*संबाददाता शुभम सहारे छिंदवाड़ा*