कलेक्टर श्री दिलीप कुमार यादव ने जिले के सभी अशासकीय मान्यता प्राप्त विद्यालयों के प्राचार्यों और संचालकों को अपने स्कूल की वेबसाइट में स्कूल में लगने वाली पुस्तकों प्रकाशकों के नाम सहित सूची अपलोड करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कलेक्टर ने कहा कि पुस्तक विक्रेता दुकानदार भी दुकान में मूल्य सूची का बोर्ड अवश्य लगायें। यह बात आज यहां गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित बैठक में कलेक्टर श्री यादव ने कहा।
इस दौरान जिला पंचायत सीईओ श्री शिशिर गेमावत, जिला शिक्षा अधिकारी पीपी सिंह, जिला परियोजना समन्वयक केके डेहेरिया, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कटनी तनुश्री जैन, सहायक संचालक शिक्षा राजेश अग्रहरी, सहायक जिला परियोजना समन्वयक अभय जैन सहित शिक्षा विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
कलेक्टर श्री यादव ने अशासकीय स्कूलों के संचालकों और प्राचार्यों को साधुराम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परिसर में 7 अप्रैल से 12 अप्रैल तक आयोजित होने वाले पुस्तक, स्टेशनरी और गणवेश मेला के आयोजन के उद्देश्यों की जानकारी देते हुये सभी से सहयोग की अपेक्षा की। यह मेला दोपहर 2 बजे से रात्रि 10 बजे तक तक होगा। उन्होंने बताया कि पुस्तक मेला में पुस्तकें, स्टेशनरी, यूनिफार्म और स्कूल बैग आदि का विक्रय किया जायेगा।
कलेक्टर श्री यादव ने निजी स्कूल संचालकों को दो-टूक लहजे में ताकीद किया कि वे विद्यार्थियों व अभिभावकों को पुस्तकें, शाला गणवेश एवं स्कूल बैग इत्यादि दुकान विशेष से क्रय करने हेतु बाध्य नहीं करें। विद्यार्थी व पालक किसी भी दुकान से शैक्षणिक सामग्री क्रय करने हेतु स्वतंत्र होने चाहिए।
इसी प्रकार कलेक्टर ने स्कूलों द्वारा संचालित स्कूल बसों और ऑटो के संबंध में चर्चा के दौरान कहा कि विद्यार्थियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। इसलिए ये सभी स्कूल प्रबंधन यह सुनिश्चित करें कि समय-समय पर शासन द्वारा और सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्कूल बसों के संचालन के मानक नियमों का कड़ाई से पालन किया जाना सुनिश्चित हो। बस में चलने वाले ड्राइवर, कंडक्टर व अन्य स्टाफ का पुलिस सत्यापन कराया जाये, बसों में आग बुझाने के उपकरण हो, स्कूल बस लिखा हो और प्राथमिक चिकित्सा किट सहित अन्य जरूरी निर्देशों का पालन सुनिश्चित हो। कलेक्टर श्री यादव ने स्कूल बसों की फिटनेस के परीक्षण के लिए आरटीओ, ट्रैफिक पुलिस, कार्यपालिक दंडाधिकारी और शिक्षा विभाग के अधिकारियों के टीम गठित करने की जानकारी देते हुए कहा कि यह टीम जिले के स्कूल बसों के फिटनेस की औचक जांच करेंगें। बसों में इमरजेंसी नंबर भी लिखे होने चाहिए।
इसी प्रकार से उन्होंने छात्रों की सुरक्षा के मद्देनजर स्कूल ऑटो रिक्शा में तय क्षमता के अनुरूप ही बच्चों को बैठाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा हम सब के लिए सर्वोपरि होना चाहिए।
बैठक में कलेक्टर ने आरटीई के तहत गरीब वर्ग के बच्चों की स्कूल में प्रवेश प्राथमिकता से देने के निर्देश दिए।