डाक के दौरान किसान होते हैं परेशान,ट्रैक्टर-ट्रॉली खड़े करने के लिए भी नहीं मिल पाती जगह,शेड में रखा व्यापारियों का अनाज
कालापीपल(बबलू जायसवाल)कालापीपल कृषि उपज मंडी में किसानों की सुविधा के लिए सरकार द्वारा बनाए गए”टीन शेडों”पर व्यापारी कब्जा किए हुए हैं,जिससे डाक के दौरान किसान परेशान होते हैं,इसकी जानकारी जिम्मेदार अधिकारियों को भी है,लेकिन वह फिर भी अंजान बने हुए हैं।मंडी में एक बड़ा व दो छोटे शेड बने हुए हैं और यह टीन शेड किसानों की उपज रखने के लिए बनाए गए हैं,लेकिन इन पर व्यापारियों ने कब्जा कर रखा है।अधिकतर टीन शेडो में व्यापारी अपना अनाज रखे हुए हैं।जबकि मंडी में आवक शुरू होने से किसानों को ट्रैक्टर-ट्रॉली खड़े करने के लिए किसानों को पर्याप्त जगह नहीं मिलती है,इसकी जानकारी अधिकारियों को भी है, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जाता है।इस संबंध
मंडी सेक्रेटरी से बात की गई तो उन्होंने बताया था कि 2-4 दिन रुक जाइए हम हटवा देंगे,लेकिन दो-चार दिन तो छोड़िए महीना बीत गए व्यापारियों ने टीन शेडो से माल नहीं हटाया,नियमानुसार किसान के शेड में व्यापारी उपज नहीं रख सकते हैं और यदि कोई व्यापारी उपज रखता है, तो अनुमति लेनी पड़ती है,जिसका किराया भी देना पड़ता है।इसके बाद भी व्यापारी बिना अनुमति के ही उपज रखकर अपना व्यापार करते हैं,जबकि किसानों को अपनी उपज को धूप और बारिश से बचाने के लिये प्रशासन द्वारा कृषि उपज मंडी परिसर में बड़े-बड़े टीन शेडों का निर्माण कराया गया था,लेकिन उक्त टीन शेडों पर व्यापारियों द्वारा कब्जा करके अपना अनाज रख दिया है।इसके चलते किसानों का अनाज खुले में पड़ा रहता है.बड़ी संख्या में किसान अनाज बेचने मंडी आ रहे हैं,लेकिन यहां उन्हें व्यापारियों की मनमानी का शिकार होना पड़ रहा है,किसानों को अपना अनाज धूप व बरसात से बचाने के लिए टीन शेडों में जगह न मिलने से मजबूरन अपना अनाज खुले मैदान में रखना पड़ रहा है,ऐसे में किसान चिंतित हैं कि कहीं आसमान में छाये बादल बरस न जाये,अगर ऐसा हुआ तो उनके अनाज और मेहनत पर पानी फिर जाएगा,कृषि उपज मंडी द्वारा 10 से 15 बार के लग-भग प्लाटों की नीलामी के लिए विज्ञप्ति तक निकल चूकी,लेकिन एक भी व्यापारी प्लाट लेने को तैयार नहीं है,जबकि इन व्यापारियों की इसी मंडी से करोड़ों रुपए किया जाता है..!