सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से क्षेत्र की उचित मूल्य दुकानों में घटिया अनाज मिलने की शिकायतें जनमानस के बीच वर्षों पुरानी हैं। लेकिन इस पर ग्राम मलघन के विक्रेता द्वारा नान केंद्र से 31 दिसंबर को भेजे गए चावल को अमानक स्तर का बताकर वापस लौटाने के बाद जनजीवन के साथ खिलवाड़ करते बड़े भ्रष्टाचार का मामला सामने आया हैं जहां नान केंद्र प्रभारी और मिल संचालकों की मिलीभगत स्पष्ट हो रही है। वहीं 31दिसंबर को अन्य दुकानों में सप्लाई हो चुके उक्त चावल पर प्रशासन क्या कार्यवाही करता है या वही अमानक चावल जनता में वितरण हो जाएगा ये भी देखने वाली बात होगी।
आज मलघन से वापस हुए चावल की नान केंद्र पर अनलोडिंग के दौरान कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी द्वारा जांच की गई और केंद्र पर लगभग 3 हजार क्विंटल(2 स्टैक) अमानक चावल पाया गया। जिसमें 500 क्विंटल चावल कई दुकानों को भेजा भी जा चुका है जिसमें से आज मलघन विक्रेता द्वारा 123 बोरी चावल वापस लौटाया गया। खाद्य अधिकारी द्वारा केंद्र की 2 गोदामों का निरीक्षण कर सैंपल लिए गए हैं।
वहीं दोपहर 1 बजे केंद्र पर पहुंची खाद्य अधिकारी को 3 घंटे से अधिक तक नान केंद्र प्रभारी की प्रतीक्षा करनी पड़ी। देर शाम पहुंचे केंद्र प्रभारी द्वारा मामले पर पर्दा डालने के प्रयास किए जा रहे हैं और वे मीडिया के प्रश्नों पर गोलमोल उत्तर देते नजर आए।
देखना होगा जनजीवन के स्वास्थ्य से जुड़े इस संवेदनशील विषय पर प्रशासन किस तरह की कार्यवाही कर पाता है या एकबार फिर धनबल के गठजोड़ के आगे नियम कायदों को ताक पर रख दिया जाएगा।
रिपोर्टर संतोष चौबे