कटनी – तत्कालीन औषधि निरीक्षक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, कटनी द्वारा वर्ष 2019 में कलेक्टर कार्यालय से प्राप्त शिकायत एवं एस.डी.एम. मुड़वारा के पत्र के परिपालन में जांच दल के साथ जिला चिकित्सालय के सामने स्थित मेसर्स सुमित मेडिकल एंड जनरल स्टोर्स, प्रोपराइटर मुकेश कुमार सीतपाल की जांच की गई थी। जांच के दौरान प्रोपराइटर मुकेश कुमार सितपाल द्वारा उक्त मेडिकल स्टोर्स की वैध औषधि अनुज्ञप्तियाँ प्रस्तुत नहीं की गई और न ही दुकान में संधारित औषधि के क्रय बीजक प्रस्तुत किये।
औषधि निरीक्षक खाद्य एवं औषधि प्रशासन मनीषा धुर्वे ने बताया कि प्रोपराइटर द्वारा बिना वैध औषधि अनुज्ञप्तियों के मेडिकल स्टोर्स का संचालन करने पर मौके पर दुकान में संधारित समस्त एलोपेथिक औषधियों को नियमानुसार जब्त कर पंचनामा तैयार कर जप्ती की कार्यवाही की गई। विवेचना के दौरान मुकेश सितपाल के पास मेडिकल स्टोर की वैध औषधि अनुज्ञप्तियां नहीं पाई गई और ना ही जप्त की गई औषधियों के क्रय बीजक पाये गए तथा उनके द्वारा उक्त दस्तावेज भी कार्यालय में प्रस्तुत नहीं किये गये हैं।
प्रकरण की विवेचना उपरांत उक्त प्रकरण मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी जिला कटनी के समक्ष वर्ष 2021 में प्रस्तुत किया गया। वर्ष 2021 से 2024 तक उक्त केस न्यायालयीन कार्यवाही में प्रचलन में रहा, न्यायालयीन कार्यवाही के दौरान भी प्रोपराइटर द्वारा मेडिकल स्टोर की वैध औषधि अनुज्ञप्तियां एवं जप्त की गई औषधियों के क्रय बीजक प्रस्तुत नहीं किये गये।
*लायसेंस वैधता अवधि 1998 तक*
कार्यालय में संधारित लायसेंस रजिस्टर का अवलोकन करने पर ज्ञात हुआ कि उक्त दुकान का लायसेंस वर्ष 1998 तक ही वैध था, इसके पश्चात् प्रोपराइटर द्वारा लायसेंस का नवीनीकरण समय-समय पर नहीं कराया गया। वर्ष 2013 में आवेदक द्वारा लायसेंसे के नवीनीकरण हेतु कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत किया गया जिसपर तत्कालीन औषधि निरीक्षक द्वारा उन्हें मौखिक रूप से 1998 के पश्चात् नवीनीकरण के चालान एवं समस्त दस्तावेज कार्यालय में प्रस्तुत करने हेतु कहा था परंतु प्रोपराइटर ने समस्त दस्तोवज प्रस्तुत नहीं किये। वर्ष 1998 से वर्ष 2013 तक नवीनीकरण हेतु कोई भी आवेदन कार्यालय में नहीं दिया गया।
*वर्ष 2017 में एमपी ऑनलाईन से किया आवेदन*
वर्ष 2017 में एम.पी. ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से प्रोपराइटर द्वारा पुनः नवीनीकरण हेतु आवेदन दिया गया परंतु संलग्न दस्तावेजों में मूल औषधि अनुज्ञप्तियां एवं नवीनीकृत औषधि अनुज्ञप्तियों की प्रतिलिपि संलग्न नहीं की गई थी। तत्कालीन औषधि अनुज्ञप्ति प्राधिकारी द्वारा पत्र प्रोपराइटर को दिया गया परंतु मुकेश सितपाल द्वारा कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किये जाने के कारण नवीनीकरण की फाइल को ऑनलाइन निरस्त किया गया।
वर्ष 2019 में शिकायत के आधार पर उक्त मेडिकल स्टोर की जांच की गई एवं वैध औषधि अनुज्ञप्तियां प्रस्तुत न करने पर दुकान में संधारित औषधियों को नियमानुसार जप्त किया गया तथा वर्ष 2021 में न्यायालय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, जिला कटनी म.प्र. के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
सामग्री अधिनियम की धारा 18 (सी) एवं 18 (ए) के उल्लंघन में औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 धरा 27 (बी) (पप) एवं धारा 28 के अपराध के आरोपों में दोषसिद्ध ठहराया गया है। शासन की तरफ से अपर लोक अभियोजक द्वारा पक्ष रखा गया।
इस प्रकार नवम अपर सत्र न्यायाधीश जिला कटनी की न्यायालय में 30 सितंबर 2024 को मेसर्स सुमित मेडिकल एंड जनरल स्टोर्स के मालिक मुकेश कुमार सितपाल को औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 की धारा-18 (सी) के उल्लंघन में औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम की दंडनीय धारा 27 (बी) ( पप) के अंतर्गत 3 वर्ष का सश्रम कारावास, 1 लाख रूपये का अर्थदण्ड, अर्थदण्ड के व्यतिक्रम में 6 माह का अतिरिक्त कारावास एवं औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 की धारा-18 (।) के उल्लंघन में औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम की दंडनीय धारा 28 के अंतर्गत 1 वर्ष का सश्रम कारावास, 20 हजार रूपये का अर्थदण्ड एवं अर्थदण्ड के व्यतिक्रम में 3 माह अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई गई।