नवरात्रि के 7वें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाएगी. रात्रि के समय देवी कालरात्रि की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि शुंभ निशुंभ का विनाश करने के लिए मां दुर्गा ने देवी कालरात्रि का रूप धारण किया था. देवी कालरात्रि का रंग कृष्ण है. इसीलिए इन्हें कालरात्रि कहा जाता है. वैदिक पंचांग के अनुसार इस बार मां कालरात्रि की पूजा का शुभ समय सुबह 11:45 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक रहेगा. इस शुभ मुहूर्त में पूजा करना शुभ रहेगा.
देवी पार्वती के कालरात्रि स्वरूप की पूजा सुबह और शाम दोनों समय की जाती है. इस दिन सुबह स्नान करने के बाद लाल कंबल के आसन पर बैठें. मां कालरात्रि का चित्र स्थापित करें. मां को गंगाजल से स्नान कराएं. इसके बाद घी का दीपक जलाएं और मां कालरात्रि के मंत्रों का जाप करें और अंत में पूरे परिवार के साथ उनकी आरती करें.
मां कालरात्रि को मालपुआ का भोग लगाया जाता है. माता कालरात्रि को मालपुआ बहुत प्रिय है. इसलिए इस दिन मां की विधिपूर्वक पूजा करने के बाद मालपुआ का भोग लगाना चाहिए. मां कालरात्रि का मंत्र है. ॐ ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चय. इस मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें.