अक्टूबर का महीना शुरु हो गया है. और इसी के साथ शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ हो गया है.कल नवरात्रि का पहला दिन था आज दूसरा दिन है. इसी के साथ आज का दिन मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरुप की पूजा की जाती है. मां दुर्गा के नौ स्वरुपों में ब्रह्मचारिणी का क्या खास महत्व है चलिए हम आपको बताते हैं…..
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी. उनके इसी तप के कारण उन्हें ब्रह्मचारिणी के नाम से जाना जाता है. बता दें कि यहां ‘ब्रह्म’ शब्द का अर्थ तपस्या से है और ‘ब्रह्मचारिणी’ का अर्थ है- तप का आचरण करने वाली. देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से व्यक्ति को अपने हर कार्य में जीत हासिल होती है. मां ब्रह्मचारिणी की उपासना करने वाला जातक सर्वत्र विजयी होता है.
मां ब्रह्मचारिणी की ऐसे करें पूजा!
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा- उपासना के समय पीले या वस्त्र धारण करें. साथ ही माता को सफेद वस्तुएं अर्पित करें जैसे कि मिश्री, शक्कर या पंचामृत. ज्ञान और वैराग्य का कोई भी मंत्र माता के सामने जप सकते हैं. वैसे, मां ब्रह्मचारिणी के लिए ऊं ऐं नम: मंत्र का जाप विशेष होता है. साथ ही जलीय आहार और फलाहार पर विशेष ध्यान दें.
कहा जाता है कि मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से भक्तों को जीवन में आने वाली सभी बाधाओं और कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है. यह तप, त्याग, संयम और सदाचार जैसे गुणों को भी बढ़ावा देती है, जो आध्यात्मिक उन्नति के लिए जरुरी है.
खास मंत्र…
मां ब्रह्मचारिणी को अगर प्रसन्न करना है तो इस मंत्र का उच्चारण आज के दिन जरुर करें.
दधाना करपद्माभ्याम्, अक्षमालाकमण्डलू।,देवी प्रसीदतु मयि, ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नम:,दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।