उमरियापान:- विकासखंड ढीमरखेड़ा के शासकीय हाईस्कूल गनियारी परिसर में उस समय हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई, जब
हाईस्कूल परिसर में संचालित शासकीय प्राथमिक स्कूल के दो दर्जन बच्चे अचानक चीखने चिल्लाने के बाद बेहोश होने लगे।बच्चे चीखने-चिल्लाने के साथ अजीबोगरीब हरकतें भी करने लगे।बिना किसी वजह बच्चे एक साथ रोने, चीखने, जमीन पर लेटने, सिर पटकने, रोते रोते बेहोश होने, गर्दन- गले और सीने में दर्द होना जैसी हरकत करते रहे।घटना की जानकारी गांव में फैली तो बच्चों के परिजन घबरा गए। हालांकि बच्चों को उपचार के लिए निजी साधनों से उमरियापान सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया। जानकारी लगते ही बच्चों के परिजन भी अस्पताल पहुँचे।जो घबराए और परेशान रहे।
ढीमरखेड़ा बीईओ संयुक्ता उइके ने बताया कि सोमवार दोपहर करीब 1 बजे स्कूल में भोजन बनाने वाली रसोइया राजकुमारी सेन घर से
प्रसाद के रूप में लाई बूंदी को अन्य रसोइया और बच्चों को वितरित कर दिया। बूंदी खाने
के बाद बच्चों को तकलीफ शुरू हुई और स्कूल में ही चीख पुकार करने लगे।जिन बच्चों की तबियत बिगड़ी उनमें 23 बच्चे प्राथमिक स्कूल जबकि एक छात्रा माध्यमिक स्कूल (कक्षा 8वीं) में पढ़ने वाली हैं।
घटना की जानकारी कलेक्टर दिलीप कुमार यादव को लगी तो उन्होंने बच्चों का उपचार कराने के निर्देश दिए। जिसके बाद ढीमरखेड़ा एसडीएम विन्की सिंहमारे,बीईओ संयुक्ता उइके,ढीमरखेड़ा थाना प्रभारी मोहम्मद शाहिद सहित शिक्षा विभाग का अमला उमरियापान अस्पताल पहुचा। बच्चों के स्वास्थ्य के जानकारी ली और अभिभावकों को समझाइश दिया।स्कूल में बच्चों की तबियत बिगड़ने के बाद खाद्य सुरक्षा अधिकारी ओ.पी.साहू के द्वारा बूंदी और स्कूल में बनाये जानें वाले मध्यान्ह भोजन की खाद्य सामग्री,गरम मसालों, बैगन आदि की जब्ती बनाया। नमूने लेकर जांच के लिए भोपाल स्थित राज्य प्रयोगशाला भेजने की कार्यवाही की।
उमरियापान बीएमओ ड़ॉ. बीके प्रसाद ने बताया कि अस्पताल पहुँचे बच्चों का पहले तो उपचार किया गया। राहत मिलने पर बच्चों से बात करके पता चला कि वे पहले से घबराए हुए हैं बूंदी खाने के साथ अचानक चीखने, रोने और बेहोश होने की घटना हुई है। उपचार के दौरान पाया गया कि बच्चों के गले, गर्दन और सीने में दर्द था। स्वास बढ़ रही थी। बीपी भी ज्यादा बढ़ा हुआ था। दर्द से कराह रहे बच्चों की निरंतर निगरानी की गई। शाम 5 बजे तक सभी बच्चों की स्थिति सामान्य हो गई। जिन्हें घर भेजा गया।बीएमओ डॉ बीके प्रसाद ने बताया कि यह मास हिस्टीरिया की घटना है।यह बीमारी एक प्रकार का साईकोन्युरोसिस है। यह किसी जैविक या संरचनात्मक विकृति पर आधारित नहीं है। मास हिस्टीरिया के लक्षण अचानक शुरू और खत्म हो जाते हैं। इसके लक्षणों में सीने में दर्द, सुस्ती, सिर दर्द, बेहोशी, कांपना, आंशिक पैरालिसिस, हँसने या रोने लगना शामिल हैं। जाँच-पड़ताल के बाद भी इसमें दिखने वाले लक्षणों या हरकतों की वजह का पता नहीं चलता।
रिपोर्टर राजेंद्र कुमार चौरसिया धीमरखेडा कटनी