मासाब हस्ताक्षर कर गोल हो जाते हैं, दिनभर खाते हैं गुटखा, छात्रों ने बताया
कटनी/ गांव में ही पोस्टिंग का फायदा उठा रहे शिक्षक के खिलाफ स्कूल के छात्रों ने मोर्चा खोल खुलकर उनकी गतिविधियों के बारे में बताया है जिससे ऐसे शिक्षकों और जांच करने वाले बीएसी प्रार्चाय तथा अन्य अधिकारियों की निरीक्षण पर भी सवालिया प्रश्न खड़े हो रहे हैं जिनके संरक्षण में शिक्षक मनचाही शाला में अटैच होकर मनमानी करते हैं लेकिन उनको रोक पाना शायद किसी के बस में नही जबकि बच्चों ने बताया कि बाहर के सर आकर जांच करके चले जाते हैं लेकिन पढ़ाने के लिए कक्षा में कोई नही आता है। धरवारा के प्राथमिक शिक्षक राकेश दुबे पिता दादूराम दुबे द्वारा स्कूल मे पढ़ाई नही कराई जाती जो विद्यालय में हस्ताक्षर करने के लिए भर जाते हैं। बच्चो ने बताया कि शिक्षक राकेश दुबे विद्यालय में ही गुटखा मंगा कर बच्चो के सामने खाते हैं ,
साथ ही ज्यादातर समय गांव के पान टपरों में बैठ कर समय पास करते रहते हैं जिससे स्कूल माध्यमिक शाला धरवारा की शिक्षण व्यवस्था चौपट हो रही हैं कक्षा 6 वी से 8 वी तक पढ़ने वाले छात्र ने ग्राम सरपंच प्रेम बाई को पत्र लिखकर बताया कि शिक्षक की लापरवाही से छात्रों का नुकसान हो रहा है , अतः इस तरह के शिक्षक पर कार्यवाही क्यो नही की जा रही।
⏩स्थानीय होने का फायदा
उक्त शिक्षक राकेश दुबे ग्राम धरवारा निवासी ही हैं जिनकी मूल संस्था प्राथमिक शाला ख़िरवा टोला है जिन्हें शिक्षण व्यवस्था के लिए माध्यमिक शाला धरवारा में संलग्न किया गया है किंतु स्थानीय होने और अपने विवादित रवैये की वजह से गांव के किसी भी व्यक्ति उनसे कुछ बोलने में डरते हैं जिसका फायदा शिक्षक ले रहा है जबकि इस बार छात्रों ने शिक्षक के खिलाफ मोर्चा खोला है। वहीं इसके पहले भी वरिष्ठ कार्यालय में इनकी शिकायतें गयी हैं लेकिन बीएसी और अन्य अधिकारी के माध्यम से जांच को दबा दिया जाता है क्योंकि स्थानी होने के कारण उनकी दबंगई चलती है इनके भाई एवं भतीजे के ऊपर मुकदमे चलते हैं यह कभी भी किसी के साथ दुर्व्यवहार करने पर उतारू हो जाते हैं जिससे ऐसे शिक्षकों के हौसले बुलंद हैं और लगातार नौनिहालो के भविष्य से खिलवाड़ करने में जुटे हैं। माध्यमिक शाला के बच्चे इन्हें एक भी पसंद नहीं करते ऐसे शिक्षक जो साल में रहेंगे जो निहालों का भविष्य अंधकार में रहेगा