कलेक्टर श्री दीपक सक्सेना ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा निजी विद्यालयों में पाठ्यपुस्तकों का उपयोग किए जाने के संबंध में पूर्व में जारी दिशा-निर्देश में संशोधित कर नवीन दिशा निर्देश जारी किये हैं। जिसमें कहा गया है कि कक्षा 1 से कक्षा 8 तक के लिए सीबीएसई द्वारा स्कूलों को सख्त सलाह दी गई है कि स्कूलों में केवल एनसीईआरटी या एससीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों को ही लागू किया जाये।
उन्होंने कहा कि कक्षा 9वीं से लेकर कक्षा 12वीं के लिए सीबीएसई ने एनसीईआरटी की पुस्तक को पाठ्यक्रम में शामिल करना अनिवार्य कर दिया है। यदि एनसीईआरटी की पुस्तक उपलब्ध नहीं हैं तो उसे वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है।
कलेक्टर श्री सक्सेना ने कहा कि स्कूल को अपनी वेबसाइट पर सभी कक्षाओं के लिए निर्धारित पुस्तकों की एक सूची अपलोड करना अनिवार्य होगा। सूची के साथ प्रबंधक और प्राचार्य द्वारा संयुक्त रूप से विधिवत हस्ताक्षरित लिखित घोषणापत्र भी अपलोड करना होगा कि उन्होंने स्कूल द्वारा निर्धारित पुस्तकों की सामग्री का भलीभाँति परीक्षण कर लिया है और वह इसके लिए जिम्मेदार हैं। यदि किसी स्कूल में आपत्तिजनक सामग्री वाली किताब का उपयोग किया जाना पाया जाएगा तो इसकी पूरी ज़िम्मेदारी स्कूल की होगी और सीबीएसई द्वारा स्कूल के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सीबीएसई द्वारा निजी विद्यालयों में पाठ्यपुस्तकों का उपयोग किए जाने के संबंध में जारी संशोधित दिशा-निर्देश के परिप्रेक्ष्य में उन्होंने जबलपुर में स्थित समस्त सीबीएसई स्कूलों को आदेशित किया है कि
आगामी शिक्षण सत्र 2025-26 से कक्षा 1 से कक्षा 8 तक में यथासंभव एनसीईआरटी की पुस्तकों का ही उपयोग किया जाये। औचित्यपूर्ण कारण होने पर ही निजी प्रकाशकों की पुस्तक का उपयोग किया जाये।
सीबीएसई द्वारा एनसीईआरटी की पुस्तक उपलब्ध नहीं होने पर उन्हें वेबसाइट से डाउनलोड किया जाना अनुमत किया गया है। एनसीईआरटी की पुरानी पुस्तक भी आसानी से उपलब्ध हैं अतः कक्षा 1 से कक्षा 8 तक के लिए एनसीईआरटी के स्थान पर किन्ही अन्य पुस्तकों का उपयोग किया जाना केवल इस आधार पर औचित्यपूर्ण नहीं माना जाएगां कि एनसीईआरटी की पुस्तक उपलब्ध नहीं है।
उन्होंने कहा कि समस्त स्कूल अपनी वेबसाइट पर सभी कक्षाओं के लिए निर्धारित पुस्तकों की एक सूची 1 अक्टूबर तक अपलोड करना सुनिश्चित करें। यदि किसी स्कूल द्वारा कक्षा 1 से कक्षा 8 के लिए एनसीईआरटी के स्थान पर किन्ही अन्य पुस्तकों का उपयोग किया जाना निर्धारित किया गया है तो प्रबंधक तथा प्राचार्य के द्वारा संयुक्त रूप से हस्ताक्षरित सहित घोषणापत्र और औचित्य सहित जानकारी 1 अक्टूबर तक जिला शिक्षा अधिकारी जबलपुर को भी उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
यदि जानकारी नियत तिथि 1 अक्टूबर तक उपलब्ध नहीं कराई जाती है तो यह माना जाएगा कि स्कूल द्वारा एनसीईआरटी की पुस्तकों का उपयोग किया जा रहा है। भविष्य में अन्य पुस्तकों का उपयोग किया जाना पाया जाने पर स्कूल प्रबंधन के विरुद्ध मान्यता निरस्त करने के साथ-साथ कठोर कार्यवाही की जाएगी।
यदि विशेष परिस्थिति में एनसीईआरटी के स्थान पर अन्य निजी प्रकाशक की पुस्तक का उपयोग किया जान अपरिहार्य हो तो उस पुस्तक की एमआरपी की तुलना एनसीईआरटी पुस्तक की एमआरपी से अनिवार्य रूप से की जाये। यह ध्यान रखा जाये कि निजी प्रकाशक द्वारा प्रकाशित चयनित पुस्तक की कीमत एनसीईआरटी की पुस्तक की कीमत की तुलना में यथासंभव 25% से अधिक ना हो अर्थात् यदि एनसीईआरटी पुस्तक की क्रीमत 100 रुपये है तो निजी प्रकाशक की चयनित पुस्तक की कीमत अधिकतम 125 रुपये तक हो सकती है।
उन्होंने कहा कि निर्धारित पुस्तकों की सूची का वेबसाइट पर प्रदर्शन होने के बाद उसमे किसी भी तरह का परिवर्तन नहीं किया जा सकेगा।
स्कूल द्वारा प्रदर्शित पुस्तक सूची के आधार पर प्रशासन द्वारा माह फ़रवरी-मार्च 2025 में उक्त पुस्तक प्रतिस्पर्धी दर पर उपलब्ध कराने के लिए पुस्तक मेला का आयोजन किया जायेगा। सभी स्कूल पुस्तकों की सूची के साथ यह सूचना अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करेंगे कि “उक्त पुस्तक माह फ़रवरी-मार्च 2025 में प्रस्तावित पुस्तक मेले में प्रतिस्पर्धी दर पर क्रय की जा सकती हैं।”
कलेक्टर श्री सक्सेना ने कहा कि ज़िला शिक्षा अधिकारी उक्त आदेश की प्रति समस्त सीबीएसई स्कूल को तामिल करवाकर पावती सुरक्षित रखना सुनिश्चित करें और उक्त स्कूलों द्वारा आगामी शिक्षण सत्र 2025-26 से उपयोग की जाने वाली पुस्तकों की जानकारी, जिला समिति के समक्ष 15 अक्टूबर 2024 तक प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें।