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उमरियापान:- निराश्रित मवेशियों के कारण सड़कों पर हो रहे सड़क हादसों को रोकने सरकार ने योजना बनाई।दो-चार दिन मवेशियों को पकड़ने धरपकड़ अभियान जरूरी चला, लेकिन अब यह दिखावा बनकर रह गया है।ढीमरखेड़ा तहसील क्षेत्र के कई गाँवों में दिन के अलावा रात के समय भी मवेशियों के डेरा सड़क पर रहता है। जिससे कि राहगीरों को दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है।पाली और सनकुई ग्राम पंचायत की सड़कों पर अक्सर मवेशियों के जमावड़ा अलग अलग स्थानों पर रहता है।इन निराश्रित मवेशियों को हटाने स्थानीय स्तर पर कोई प्रयास नहीं किया जाता है। इससे ग्रामीणों को भी आवागमन में भी परेशानी उठानी पड़ती है।कलेक्टर दिलीप कुमार यादव ने सड़कों पर धूम रहे गौवंश सहित अन्य निराश्रित मवेशियों को गौशालाओं और सुरक्षित स्थानों पर रखने के आदेश ग्राम पंचायतों को जारी किए।लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में अफसर इस अभियान का औपचारिकता निभा रहे है।अधिकारियों के
अलावा ग्राम पंचायत के जिम्मेदार भी कलेक्टर का आदेश भी नहीं मान रहे है। रात के समय वाहन चालकों द्वारा तेज रफ्तार से वाहनों को रगड़ते है,ऐसे वाहनों और मवेशियों के बीच टक्कर हो जाती है।दुघर्टना का खतरा भी बना रहता है। ग्रामीणों ने बताया कि बारिश के दिनों में आवारा मवेशी कीचड़ से बचने सूखी जगह में बीच रोड पर बैठते हैं। अंधेरा होने या चालक की असावधानी से वाहन मवेशियों से टकराते है। जुलाई से सितंबर तक इस वजह से सड़क दुर्घटनाओं की संख्या अधिक होती है। ग्रामीण इलाकों में सड़कों पर निराश्रित मवेशी डेरा जमाए रहते हैं।
रिपोर्टर राजेंद्र कुमार चौरसिया धीमरखेडा कटनी