कलेक्टर श्री प्रसाद ने की थी भारती के जीवन में शिक्षा का उजियारा भरने की पहल*
कटनी – जिले के दिव्यांगों के सपने उड़ान भरनें लगे है, उनकी उम्मीदों व सपनों को साकार करने कलेक्टर अवि प्रसाद दिव्यांगों को खुले आसमान में उड़ने का हौसला दे रहे है। इन्ही में से एक दृष्टिबाधित दिव्यांग भारती अहिरवार है, जिन्होने जिला दृष्टिबाधित विद्यालय झिंझरी से आठवी कक्षा की परीक्षा पास की है। प्रतिभावान और होनहार भारती की गायन कला मे रूचि को देखते हुए कलेक्टर अवि प्रसाद ने भारती के भविष्य गढनें के सपनों को संवारने और हौंसलांे को उड़ान देने के लिए भारती का दाखिला देश की राजधानी दिल्ली के प्रतिष्ठित अखिल भारतीय नेत्रहीन संघ अंध विद्यालय रघुवीर नगर की कक्षा 9वीं में करवा दिया है।
कलेक्टर श्री प्रसाद ने दिल्ली के प्रतिष्ठित स्कूल मे दाखिला कराकर भारती के जीवन मे खुशियों के रंग भर दिये है। भारती की संगीत मे रूचि को देखते हुए नई दिल्ली के इस स्कूल मे संगीत के विशेषज्ञ शिक्षकों से बेहतर संगीत शिक्षा पा सकेगी।
ज्ञातव्य हो कि इसके पूर्व कलेक्टर श्री प्रसाद के निर्देश पर विगत 1 जुलाई 2024 को बहोरीबंद तहसील के ग्राम खम्हरिया नबर – 2 निवासी दृष्टिबाधित दिव्यांग छात्र शिवा बर्मन को 9वीं की पढ़ाई हेतु चित्रकूट के प्रतिष्ठित श्री तुलसी प्रज्ञा चक्षु दिव्यांग स्कूल में प्रवेश दिलाया गया था।
अखिल भारतीय नेत्रहीन अंध विद्यालय दृष्टिबाधित दिव्यांगों को कला, संस्कृति, शिक्षा एवं साक्षरता, सूचना एवं संचार प्राद्यौगिकी और व्यावसायिक प्रशिक्षण देने के मामले मे एक अग्रणी संस्थान है।
दृष्टिबाधित भारती कटनी से 9 जुलाई को अपने माता-पिता और संतोष दुबे एवं पहलाद सोनी के साथ भारती को प्रवेश दिलाने दिल्ली गये थे। जहां आज बुधवार 10 जुलाई को भारती का स्कूल में दाखिला हो गया। नई दिल्ली के स्कूल में दाखिला मिलने से भारती की किस्मत संवरने जा रही है। अब वो दिन दूर नहीं जब भारती देश की राजधानी दिल्ली की नामचीन दृष्टिबाधित स्कूल मंे पढ़ाई कर अपनी जिंदगी के सपनों को साकार करनें की इबारत लिखेगी।
*कलेक्टर ने की थी काउंसलिंग*
कलेक्टर श्री प्रसाद ने दृष्टिबाधित छात्रा भारती को कटनी के बाहर पढ़ाई हेतु भेजने के लिए उनकी माता राजरानी अहिरवार से भेंट की थी। कलेक्टर ने राजरानी को उसकी होनहार बेटी को आगे की पढ़ाई कर भविष्य संवारने के लिए दिल्ली भेजने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित कर उनकी तमाम शंकाओं और हिचकिचाहट को दूर किया था। जिस पर भारती की माता राजरानी अहिरवार ने अपनी लाड़ली बेटी भारती को दिल्ली पढ़नें भेजने के लिए सहमत हो गई थीं।
पाठक वार्ड भठ्ठा मोहल्ला निवासी पिता राजेश और माता राजरानी अहिरवार का परिवार मेहनत-मजदूरी कर अपने परिवार का उदर पोषण करता है। ऐसे मे दिल्ली जैसे मंहगें शहर में जाकर बेटी की पढ़ाई की बात सोचना भी उनके बस की बात नहीं थी। उन्होने कहा कि कलेक्टर श्री प्रसाद को ईश्वर ने भारती का भविष्य संवारने फरिश्ता बनाकर भेजा है।
दृष्टिबाधित दिव्यांग छात्रा भारती ने कलेक्टर श्री प्रसाद को घन्यवाद ज्ञापित कर कहा है कि उसकी सिंगर बनने की बड़ी इच्छा थी, लेकिन लगता था कि ये कैसे होगा ? लेकिन कलेक्टर सर द्वारा अब मेरा दिल्ली में एडमीशन करा दिये जाने के बाद लगने लगा है कि अब मै अच्छी सिंगर बन पाऊंगी। मेैं मन लगाकर खूब मेहनत करूंगी और देश भर में जिले का नाम रोशन करूंगी।