दृष्टिबाधित दिव्यांग शिवा को बाहर पढनें भेजने के लिए ना-नुकुर करने वाले माता -पिता, कलेक्टर की काउंसलिंग के बाद हुए थे राजी
दृष्टिबाधित शिवा की जिंदगी शिक्षा के प्रकाश से होगी आलोकित
कटनी – कलेक्टर अवि प्रसाद द्वारा पिछले करीब एक वर्ष से बहोरीबंद तहसील के ग्राम खम्हरिया नबर – 2 निवासी दृष्टिबाधित दिव्यांग छात्र शिवा बर्मन को 9वीं की पढ़ाई हेतु जिले के बाहर के स्कूल मे प्रवेश दिलाने की जारी निरंतर कोशिशें अंततः सोमवार 1 जुलाई को सफल हुई।
कलेक्टर के प्रयास से दृष्टिबाधित दिव्यांग शिवा का कक्षा नवमी की पढ़ाई के लिए चित्रकूट के प्रतिष्ठित श्री तुलसी प्रज्ञा चक्षु दिव्यांग स्कूल में प्रवेश दिलया गया है। कलेक्टर के निर्देश पर कटनी से शिवा बर्मन और उनकी माता भूरी बाई के साथ राजीव कुमार रैकवार और अमित दुबे, शिवा बर्मन को लेकर चित्रकूट पहुंचे थे। जहां शिवा का प्रज्ञा चक्षु दिव्यांग उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की कक्षा नवमीं मे प्रवेश हो गया है।
अपने पुत्र शिवा को बाहर पढ़ने हेतु भेजने में ना-नुकुर करने वाले माता – पिता कलेक्टर की समझाइश के बाद सहमत हो गये और अब जुलाई से शिवा का चित्रकूट के नामचीन दृष्टिबाधित स्कूल में दाखिला दिलाया गया।
*कलेक्टर बने थे काउंसलर*
दृष्टिबाधित दिव्यांग शिवा बर्मन को कक्षा नवमीं की पढाई हेतु जिले के बाहर भेजने के लिए कलेक्टर श्री अवि प्रसाद ने शिवा के माता-पिता को समझाईश देने में काउंसलर की भूमिका निभाई थी। दरअसल पर शिवा के माता-पिता पुत्र मोह और उसकी दिव्यांगता की वजह से उसे बाहर पढ़ने हेतु भेजने के लिए तैयार नहीं थे। लेकिन जब कलेक्टर ने शिवा के भविष्य को संवारने की दृष्टि से शिक्षा का महत्व बताया तो कलेक्टर की काउंसलिंग का शिवा के माता-पिता पर जादुई असर हुआ और वे अपने लाडले बेटे के भविष्य को देखते हुए शिवा को बाहर भेजने के लिए राजी हो गए थे।
कलेक्टर श्री प्रसाद ने खुद शिवा के माता -पिता को कलेक्ट्रेट कार्यालय बुलवाकर उसकी पढ़ाई से दृष्टिबाधित शिवा के भविष्य संवरने की समझाइश दी। तब कहीं जाकर शिवा के माता – पिता ने उसे चित्रकूट के दृष्टिबाधित स्कूल मे दाखिला दिलानें की सहमति प्रदान की। अंततः कलेक्टर की कोशिशें कामयाब हुई और अब शिवा का एडमिशन चित्रकूट स्थित प्रतिष्ठित दृष्टिबाधित स्कूल में हो गया है।
ज्ञातव्य हो कि कलेक्टर अवि प्रसाद के विगत दिनों तहसील बहोरीबंद भ्रमण के दौरान उनकी मुलाकात ग्राम खम्हरिया नबर – 2 निवासी दृष्टिबाधित छात्र शिवा बर्मन पिता राजकुमार बर्मन से हुई। इस दौरान पता चला कि दिव्यांग शिवा ने कक्षा पहली से लेकर आठवी तक की पढाई पूर्ण कर ली है। शिवा पढ़नें- लिखने में बहुत होशियार है, लेकिन आठवी के बाद उसकी पढ़ाई बंद हो गई है। जिसपर कलेक्टर श्री प्रसाद ने दृष्टिबाधित बालक शिवा की अग्रिम पढ़ाई की व्यवस्था का दायित्व उपसंचालक सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग नयन सिंह को सौंपा।
कलेक्टर अवि प्रसाद के निर्देशों के पालन मे सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण प्रभारी नयन सिंह द्वारा शिवा को एडमीशनन हेतु विशेष वाहन से जबलपुर स्थित दृष्टिबाधित विशेष विद्यालय भेजा गया। लेकिन बीच मंे पढाई बंद कर देने और उम्र ज्यादा होने के कारण जबलपुर में एडमीशन नहीं हो सका। जिस कारण बच्चे का एडमीशन चित्रकूट स्थित विद्यालय में कराने हेतु निरंतर प्रयास किये गये। लेकिन बालक के माता -पिता बच्चे को पढ़ाई हेतु दूर नहीं भेजना चाहते। माता-पिता का अपने दृष्टिबाधित 15 वर्षीय पुत्र शिवा को बाहर नही भेजने के संबंध में जारी अड़ियल रूख उसकी आगे की पढ़ाई में बाधक बन रहा था।
यह जानकारी कलेक्टर श्री प्रसाद के संज्ञान मे आते ही उन्होने शिवा के माता-पिता को कलेक्ट्रेट बुलवाकर समझाइश दी तब कही शिवा के माता-पिता शिवा का एडमीशन चित्रकूट विद्यालय में कराने हेतु तैयार हुये।