रिपोर्टर सीमा कैथवास
मध्यप्रदेश नदीय मत्स्योद्योग नियम 1972 की धारा 3 (2) के अंतर्गत 16 जून से 15 अगस्त तक की अवधि को बंद ऋतु घोषित किया गया है। कलेक्टर सोनिया मीना ने एक आदेश जारी कर इस अवधि में मत्स्याखेट, मत्स्य परिवहन एवं मत्स्य विपणन पूर्णतः प्रतिबंधित किया है।
छोटे तालाब या अन्य स्त्रोत जिनका कोई संबंध किसी नदी से नही है ओर जिन्हें निर्दिष्ट जल की परिभाषा के अंतर्गत नही लाया गया है, को छोडकर समस्त नदियों व जलाशयों में बंद ऋतु में मत्स्याखेट पूर्णतया प्रतिबंधित रहेगा।
उपरोक्त प्रावधानों के उल्लंघन की दशा में मध्यप्रदेश मत्स्य क्षेत्र (संशोधन) अधिनियम 1981 की धारा 5 के अंतर्गत उल्लघंनकर्ता को एक वर्ष तक का कारावास या पांच हजार रूपये तक का जुर्माना या दोनो से दंडित किये जाने का प्रावधान है।
जन साधारण एवं मत्स्य पालकों को सूचित किया जाता है कि इस अवधि में किसी प्रकार का मत्स्याखेट, परिवहन, विपणन न तो स्वंय करें ओर न ही इस कार्य में अन्य को सहयोग दें।