मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कंपनी कार्यक्षेत्र के भोपाल, नर्मदापुरम, ग्वालियर एवं चंबल संभाग अंतर्गत आने वाले 16 जिलों में बिजली चोरी की रोकथाम की दिशा में चालू वर्ष के अप्रैल-मई माह में कारगर कदम उठाए गए हैं। कंपनी द्वारा कार्यक्षेत्र में 21 हजार 850 परिसरों की जांच की गई तथा कनेक्शनों में अनियमितता पाए जाने पर 29 करोड़ की बिलिंग कर 15 करोड़ की राशि वसूल कर ली गई है। इसी प्रकार विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 के अंतर्गत सीधे बिजली चोरी के 12 हजार 324 प्रकरण पकड़े गए हैं जिनमें 23 करोड़ से अधिक की बिलिंग कर 11 करोड़ की राशि वसूल की गई है। इस प्रकार कंपनी के जॉंच दलों द्वारा 52 करोड़ से अधिक की बिलिंग की गई है।
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के सतर्कता विभाग ने अपने बिलिंग डाटा का विश्लेषण कर 5 हजार 379 बिजली चोरी वाले संदेहास्पद प्रकरण विजिलेंस टीम को सौंपे हैं। इनमें अनियमितता पाए जाने पर 50 लाख रुपए से अधिक की बिलिंग कर अब तक लगभग 6 लाख की वसूली कर ली गई है।
इनफॉर्मर स्कीम के अंतर्गत प्राप्त शिकायतें
बिजली चोरी पारितोषिक योजना के अंतर्गत कंपनी कार्यक्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों से 241 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें भिंड, मुरैना, बैतूल एवं ग्वालियर से सर्वाधिक शिकायतें प्राप्त हुई हैं। अब तक इन शिकायतों पर कार्यवाही की जाकर 12 लाख रुपए के बिल जारी किये गये हैं।
गौरतलब है कि मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विद्युत चोरी की प्रभावी रोकथाम एवं विद्युत के अवैध उपयोग को रोकने के लिए पारितोषिक योजना चलाई गई है। योजनांतर्गत कोई भी व्यक्ति बिजली के अवैध उपयोग के संबंध में सूचना कंपनी मुख्यालय, क्षेत्रीय कार्यालय में मुख्य महाप्रबंधक, संचा.संधा/शहर वृत्त कार्यालय के महाप्रबंधकों को लिखित अथवा मोबाईल पर दे सकता है। हाल ही में कंपनी की वेबसाईट https://portal.mpcz.in/web/ पर informer scheme ऑनलाईन सूचना देने की व्यवस्था की गई है। योजनान्तर्गत सफल सूचनाकर्ता को अथवा उपभोक्ता को विद्युत चोरी की क्षतिपूर्ति की पूर्ण राशि जमा होने पर, बिल की राशि के दस प्रतिशत की राशि को पारितोषिक राशि के रूप में दिये जाने का प्रावधान है।
गौरतलब है कि वर्ष 2023-24 में कंपनी द्वारा एक लाख 50 हजार से अधिक प्रकरणों में बिजली चोरी/अनियमितता पर 131 करोड़ की राशि वसूल की गई