परछाई को भी मात देने वाले दिन का सामना आप कर रहे है । मध्यान्ह में आपके नगर की सड़को पर चलते हुये अगर किसी बिल्डिंग की छाया की तलाश करने का विचार कर रहे है तो आपको निराश होना होगा । बिल्डिंग क्या ,आपका साया ही आपका साथ छोड़ रहा है । इस खगोलीय घटनाक्रम को समझाने नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने छाया और काया कार्यक्रम का आयोजन किया ।
सारिका ने बताया कि मकर तथा कर्क रेखा के बीच स्थित शहरों में साल में सिर्फ कुछ दिन ही मध्यान्ह के समय परछाई उस वस्तु के ठीक नीचे बनती है जिससे वह दिखाई नहीं देती है । इसे ही जीरो शैडो डे कहते हैं ।
सारिका ने बताया कि यह तिथि इस बात पर निर्भर करती है कि उस स्थान का अक्षांश क्या है । नर्मदापुरम जिले के नगरों के लिये यह स्थिति प्रथम बार लगभग जून के द्वितीय सप्ताह के आसपास आती है । कर्क रेखा पर स्थित नगरों में इस साल 21 जून यह घटना होगी जिसमें उज्जैन शामिल है ।
तो आज (12 जून) दोपहर 12 बजकर 20 मिनिट के आसपास करिये कोशिश अपनी काया के आसपास उसकी साया को तलाशने की । याद रखिये सूर्य की कर्क रेखा की ओर यात्रा पूरी होने जा रही है ।
-सारिका घारू @GharuSarika