प्रदेश सरकार द्वारा जल hसंरक्षण और संवर्धन के उद्देश्य से “जल गंगा संवर्धन अभियान” गत 5 जून से प्रारंभ किया गया है, जो कि 16 जून तक जारी रहेगा। इस अभियान के तहत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं । इसी क्रम में रविवार को जिला पंचायत के सभाकक्ष में जल संगोष्ठी आयोजित की गई । संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में जिला पंचायत अध्यक्ष गजेंद्र शाह ने संबोधित करते हुए कहा कि जल संरक्षण और संवर्धन का कार्य किसी एक व्यक्ति द्वारा नहीं किया जा सकता, बल्कि सभी के सामूहिक प्रयासों से ही यह संभव है। कार्यक्रम में जिला पंचायत उपाध्यक्ष दर्शन सिंह गहलोत, नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती भारतीय राजू कमेडिया, संयुक्त कलेक्टर सुश्री रजनी वर्मा तथा जिला पंचायत के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रवीण इवने, मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद के संभागीय समन्वयक कोशलेश तिवारी व अन्य अधिकारी व जनप्रतिनिधि मौजूद थे। कार्यक्रम के अंत में जिला पंचायत अध्यक्ष शाह ने सभी उपस्थित जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को जल संरक्षण की शपथ दिलाई।
जिला पंचायत अध्यक्ष शाह ने इस अवसर पर कहा कि सभी जनप्रतिनिधियों को व्यक्तिगत रुचि लेकर अपने-अपने गांव और शहरों में जल संरक्षण और संवर्धन के लिए विशेष प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि जन प्रतिनिधियों को अपने प्रभाव का इस्तेमाल जल संरक्षण के कार्यों को प्रोत्साहन देने में करना चाहिए। उन्होंने सरपंच संघ के अध्यक्ष से कहा कि सभी सरपंच मिलकर अपने-अपने गांव व पंचायतोँ में जल संरक्षण और संवर्धन के कार्य जानभागीदारी से अवश्य कराएं।
जिला पंचायत उपाध्यक्ष गहलोत ने इस अवसर पर कहा कि पानी का निर्माण नहीं किया जा सकता बल्कि पानी को केवल बचाया ही जा सकता है। इसलिए सभी का दायित्व है कि पानी को बचाने के लिए सामूहिक प्रयास करें।
कार्यक्रम में नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती कमेडिया ने कहा कि शहरी क्षेत्र में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए जाएंगे। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अपने-अपने घरों में अवश्य लगवाए। उन्होंने बताया कि अजनाल नदी की साफ सफाई कराकर घाट सौंदर्यीकरण का कार्य जारी है । उन्होने कहा कि उड़ा की बावड़ी की साफ सफाई भी नगर पालिका द्वारा कराई जा रही है ।
जनअभियान परिषद के संभागीय समन्वयक तिवारी ने कहा कि जल स्रोतों के अत्यधिक दोहन के कारण नदी तालाब जैसे जल स्रोत धीरे-धीरे अपना अस्तित्व खोते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज जल स्रोतों के पुनर्भरण की आवश्यकता है। उन्होंने इसके लिए सभी के सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता बताई । उन्होंने कहा कि हमारे देश में नदियों को पूजा जाता है, जबकि नदियों को सबसे अधिक प्रदूषित भी हम लोग ही कर रहे हैँ। तिवारी ने कहा कि नदियों के संरक्षण के लिए भीष्म पितामह जैसी प्रतिज्ञा और भागीरथ जैसे प्रयासों की आवश्यकता है।
हरदा से श्रीराम कुशवाह की रिपोर्ट