रिपोर्टर सीमा कैथवास
विशाखा नक्षत्र में से आगे बढ़ने के बाद चंद्रमा सूरज ढलते ही पूर्वी आकाश में लालिमा के साथ एक बड़े गोले के रूप में उदित हुआ । प्रारंभ में कुछ स्थानों पर बादल बाधा बने उसके बाद जैसे जैसे आकाश में उपर आता गया इसकी चमक बढ़ती गई ।
नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने फोटो जारी करते हुए बताया कि बुद्धपूर्णिमा के चंद्रमा फ्लावर मून नाम दिया गया था । पृथ्वी से लगभग 3 लाख 90 हजार नो सौ 50 दूरी पर रहते हुए यह अपनी सौ प्रतिशत चमक के साथ चमक रहा था । वैशाख नक्षत्र में होने के कारण भारत में इसे वैशाखी पूर्णिमा नाम दिया गया तो पश्चिमी देशों में वहां इस समय खिलने वाले फूलों के आधार पर इसे फ्लावर मून नाम दिया गया । बुद्ध पूर्णिमा का यह चंद्रमा रात भर चांदनी बिखेरने के बाद सुबह सवेरे पश्चिम दिशा में अस्त हुआ ।