रिपोर्टर : हेमंत सिंह
*कटनी* प्रशासन, पुलिस व आबकारी विभाग की उदासीनता कहें या मिलीभगत पर शहर से लेकर गांव-गांव तक शासकीय शराब वितरण व्यवस्था पटरी से उतर चुकी है हालात यह हैं कि ना केवल मंदिरों से पहले मयखानों के पट खुल रहे हैं बल्कि दुकान बंद होने के बाद भी पूरी रात शटर के नीचे बनाए गए झरोखों(खिड़की) के माध्यम से भी शराब बेची जा रही है। इसके अलावा गांव-गांव में अवैध रूप से संचालित छोटी-छोटी दुकानों(पैकारी) या घर के माध्यम से शराब का गोरख धंधा चरम पर है। रात के समय शराब बेचने के लिए शराब ठेकेदारों द्धारा बकायदा दुकान की बंद शटर के अंदर कर्मचारी रखे जा रहे हैं, जो शटर के नाक होते ही बाहर खड़े ग्राहक से बात करते हैं और झरोखे से पैसा लेकर वहीं से शराब की बोतल सरका देते हैं। इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार शासन स्तर पर जो शराब दुकान खुलने का समय एवं बंद होने का समय निर्धारित किया गया है। इसके बावजूद भी ना केवल जिला मुख्यालय की शराब दुकाने समय से पहले खुल जाती हैं और बंद होने के समय के काफी देर बाद तक खुलेआम संचालित होकर शराब बेची जा रही है। इसके बावजूद भी शराब दुकान बंद होने के बाद झरोखों के माध्यम से भी शराब आसानी से उपलब्ध हो जाती है। वहीं दूसरी ओर यदि इसमें भी किसी को कोई परेशानी होती है तो गांव-गांव में भी खुलेआम शराब की बिक्री होने के चलते पीने वालों को आसानी से शराब उपलब्ध हो रही है परंतु इस मामले में पुलिस, प्रशासन एवं आबकारी विभाग का किसी भी प्रकार का कोई नियंत्रण नहीं है और यह कार्य खुलेआम पूरी तरह
से मनमानी से चल रहा है। अंग्रेजी और देशी की बिक्री जब से एक दुकान पर ही हुई है उसके बाद तो यह क्रम गांव-गांव में और आसानी से हो गया है कि अब गांव-गांव में देशी और अंग्रेजी शराब बेरोकटोक आसानी से उपलब्ध हो जाती है। जिसका नतीजा यह हो रहा है कि लोग जमकर नशा कर रहे हैं, जिससे कई परिवार तो उजड़ ही रहे हैं, वहीं सड़क दुर्घटनाओं की भी संख्या काफी अधिक मात्रा में में हो गई है। जगह-जगह शराब की बिक्री होने के चलते धड़ल्ले से खुले आम बिक रही शराब को देखकर भी आबकारी विभाग और पुलिस विभाग शराब कारोबारियों के सामने अपने आपको लाचार नजर आते हैं क्योंकि इनके द्वारा मनमाने तरीके से प्रतिमाह सुविधा शुल्क की जो वसूली की जाती है। उसके चलते यह इनके विरुद्ध किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं कर पाते हैं। कुल मिलाकर प्रशासन, पुलिस व आबकारी विभाग शराब ठेकेदारों के आगें पूरी तरह से नत मस्तक हो गया है। जिसका परिणाम है कि शराब ठेकेदार पूरी तरह से निरंकुश होकर नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए शराब की बिक्री 24 घंटे कर रहे हैं।
*किसी दुकान में रेट लिस्ट नहीं*
शहर से लेकर गांव-गांव खुली शराब दुकानों की हकीकत जानने कलरात मीडिया की टीम शहर की सुभाष चौक, चांडक चौक, घंटाघर, स्टेशन चौराहा, बस स्टेंड, गर्ग चौराहा पहुंची तो यहां न केवल निर्धारित समय के बाद शराब दुकानों से शराब बिकती पाई गई बल्कि किसी दुकान में रेट लिस्ट भी नहीं लगी थी। रेट लिस्ट न लगाकर शराब ठेकेदार मनमाने दाम पर शराब बेंच रहे हैं। बहरहाल मीडिया कर्मियों को देखकर शराब दुकान के कर्मचारी शटर गिराने लगे। वहीं कुछ देर बाद जब मीडिया कर्मी फिर शराब दुकानों के सामने पहुंचे तो निर्धारित समय के बाद शटर के नीचे बनाए गए झरोखों(खिड़की) के माध्यम से भी शराब बिकती मिली। जिसके वीडियो और फोटोग्राफ भी मीडिया कर्मियों द्धारा लिए गए।