कटनी (3 अप्रैल ) – डी.ए.वी. कैल्डरीज पब्लिक स्कूल में अध्ययनरत छात्रों से प्रवेश शुल्क लेने और फीस संरचना में भिन्नता तथा स्कूल की सामान्य जानकारी और फीस संरचना को शासन के पोर्टल में अपलोड नहीं करने के मामले की जांच तीन सदस्यीय समिति करेगी। यह निर्णय कलेक्टर अवि प्रसाद की अध्यक्षता में आयोजित जिला समिति की बैठक में लिया गया। यह समिति मध्यप्रदेश निजी विद्यालय फीस तथा संबंधित विषयों विनियमन अधिनियम के अंतर्गत राज्य शासन द्वारा गठित की गई है।
जिला समिति की बैठक में डी.ई.ओ पी.पी.सिंह, जिला कोषालय अधिकारी अरविंद सिंह ठाकुर और सहायक संचालक शिक्षा राजेश अग्रहरि एवं शिक्षा विभाग के विवेक दुबे मौजूद रहे।
बैठक में तीन शिकायत प्रस्तुत
कलेक्टर श्री प्रसाद की अध्यक्षता में आयोजित जिला समिति के समक्ष डी.ए.वी कैल्डरीज पब्लिक स्कूल कटनी के संबंध में तीन शिकायतों को प्रस्तुत किया गया। शिकायत मे बताया गया है कि शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत कक्षा 8वीं में उनके बच्चों का डी.ए.वी कैल्डरीज पब्लिक स्कूल कटनी में दाखिला हुआ था। स्कूल प्रबंधन कक्षा 9वीं में प्रवेश शुल्क के रूप में 11 हजार रुपये और मासिक फीस के तौर पर 3 हजार 80 रुपये की मांग की जा रही है। इस पर आवेदक द्वारा प्रवेश शुल्क माफ करने तथा फीस में रियायत देने की मांग की गई। साथ ही शिकायत में संबंधित आवेदक द्वारा रजिस्ट्रेशन फीस एक हजार रूपये, प्रवेश शुल्क 5 हजार रूपये, काशन मनी 1 हजार रूपये, वार्षिक फीस ढ़ाई हजार रूपये, विकास शुल्क 1500 रूपये और साइंस फीस 600 रूपये सहित मंथली शुल्क 1380 रूपये प्रतिमाह स्कूल प्रबंधन द्वारा लेने का विवरण दिया गया है।
नियम एवं निर्देशों का उल्लंघन
कलेक्टर श्री प्रसाद ने इसे मध्यप्रदेश निजी विद्यालय फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन नियम का उल्लंघन माना जिसमें वर्णित शुल्कों के प्रकार में प्रवेश शुल्क शामिल है। साथ ही लोकशिक्षण संचालनालय के आदेश का भी उल्लंघन माना जिसमे एक परिसर एक शाला वाले स्कूल में विद्यार्थियों को 5वीं से 6 वीं अथवा 8वीं से 9वीं में प्रवेश हेतु टी.सी जारी नहीं करने के निर्देश है। इन कक्षाओं के छात्रों को अगली कक्षा में सीधे प्रवेश देने का प्रावधान है।
लेकिन कलेक्टर श्री प्रसाद की अध्यक्षता वाली समिति को प्रथम दृष्टया यह प्रतीत हुआ कि डी.ए.वी कैल्डरीज पब्लिक स्कूल प्रबंधन द्वारा कक्षा आठवीं में अध्ययनरत विद्यार्थियों को कक्षा नवमी में प्रवेश नहीं दिया गया। जो कि शिक्षा विभाग के नियम एवं निर्देश का उल्लंघन है।
प्राप्त है। जिसके तहत किसी साक्षी को समन कराना, शपथ पत्र पर साक्ष्य ग्रहण करना और साक्षी के परीक्षण हेतु कमीशन जारी किया जाना शामिल है। जिला समिति को निजी विद्यालय प्रबंधन से राशि को भू- राजस्व के बकाया के रूप में वसूल करने की शक्तियां भी हासिल है।