कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट अवि प्रसाद ने मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुये जनहित में जिले के सभी विकासखण्डों एवं नगरीय व शहरी क्षेत्रों को तत्काल प्रभाव से 31 जुलाई 2024 या आगामी आदेश तक जल अभाव ग्रस्त क्षेत्र घोषित कर दिया है।
कलेक्टर श्री प्रसाद द्वारा जारी आदेशानुसार कोई भी व्यक्ति बिना अनुमति के जल अभाव ग्रस्त क्षेत्र में शासकीय भूमि पर स्थित जल स्त्रोतो में पेयजल तथा घरेलू प्रयोजनों को छोड़कर अन्य किसी प्रयोजनों के लिए नहरों में प्रवाहित जल के अलावा अन्य स़्त्रोतों का दोहन किन्ही भी साधनों द्वारा जल उपयोग नही करेगा। जिले के समस्त विकासखंडो एवं नगरीय व शहरी क्षेत्रों में समस्त नदी, नालों स्टापडैम, सार्वजनिक कुओं तथा अन्य जल स्त्रोतो का उपयोग घरेलू प्रयोजन हेतु तत्काल प्रभाव से सुरक्षित किया गया है।
जिले के जल अभावग्रस्त क्षेत्र मे कोई भी व्यक्ति स्वयं अथवा प्राईवेट ठेकेदार अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के पूर्व अनुज्ञा प्राप्त किये बिना किसी भी प्रयोजन के लिए नवीन नलकूप का निर्माण नहीं कर सकेगा। उक्त आदेश शासकीय नलकूप खनन पर लागू नहीं होगा।
निजी भूमि पर नलकूप खनन कराने हेतु निर्धारित प्रारूप एवं शुल्क के साथ संबंधित अनुविभागीय अधिकारी को आवेदन देना होगा।इस कार्य हेतु जिले के जल अभाव क्षेत्र के समस्त अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को उनके क्षेत्राधिकार अंतर्गत सक्षम अधिकारी प्राधिकृत किया गया है। अनुविभागीय अधिकारी द्वारा आवश्यक जांच एवं परीक्षण की कार्यवाही कर अनुमति हेतु संबंधित क्षेत्र के सहायक यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से अनुशंसा प्राप्त करेगें। आवश्यकता पडनें पर जनहित मे संबंधित अनुविभागीय अधिकारी राजस्व उस क्षेत्र के निजी पेयजल स्त्रोत को पेयजल परिरक्षण संशोधित अधिनियम 2022 के प्रावधानों के अधीन निश्चित अवधि के लिए अधिग्रहण कर सकेगें।
जिले में यह तत्काल प्रभाव से लागू इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा –9 एवं भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के तहत दंडात्मक कार्यवाही की जावेगी।