कटनी। चाका पुरैनी, गोलबाजार और बिलैया तलैय्या जैसे शहर के व्यस्ततम क्षेत्रों में लगने वाले फल और सब्ज़ी व्यवसाय को संगठित स्वरूप में पहरूआ स्थित कृषि उपज मण्डी में शिफ्ट करने के प्रणेता और सूत्रधार कलेक्टर अवि प्रसाद की दूरदर्शी सोच का ही यह प्रतिफल रहा की कुछ वर्षों पहले तक निरंतर घाटे में चल रही यहां की कृषि उपज मंडी ने बीते एक साल में रिकॉर्ड 52 लाख रूपए का शुद्ध मुनाफा कमाया है।
*मंडी से व्यापार के लाभ*
मंडी से व्यवसाय शुरू होने का सबसे बड़ा फायदा यह हुआ कि बाहर के व्यापारी यहां आकर स्थानीय किसानों के उत्पाद खरीदते हैं। जिससे उन्हें उनकी उपज की वाजिब कीमत मिल जाती है। मंडी में आनलाइन भुगतान व्यवस्था होने से किसानों को सीधे राशि मिल जाती है।आढ़तियों के बीच प्रतिस्पर्धा का भी सीधा लाभ मुनाफे के स्वरूप में किसानों को मिल रहा है।
व्यवस्थित व्यापार होंने से अस्पताल , छात्रावास, जेल और होटल व्यवसाईयों के अलावा फुटकर विक्रेता, रेहड़ी और ठेलेवालों को भी वाजिब मूल्य पर फल और सब्जियां मिल रही हैं। साथ ही उपभोक्ता को भी गुणवत्तापूर्ण फल और सब्जी उचित मूल्य पर मिलने लगी है।
मंडी में पर्याप्त पार्किंग होंने की वज़ह से ट्रांसपोर्टर को उत्पाद लाने और परिवहन कर बाहर भेजने में सुविधा होती है।
*ट्रैफिक जाम से मुक्ति*
पहले फल और सब्जी व्यवसाय शहर के व्यस्ततम क्षेत्रों मे संचालित होने से आये दिन ट्रैफिक जाम के हालात बने रहते थे और दुर्घटनाओं का अंदेशा भी बना रहता था। मंडी में व्यवसाय शिफ्ट होने के बाद जन-जीवन सहज हुआ है।
*कारोबार का बना रिकार्ड*
कलेक्टर श्री प्रसाद ने जब पिछले साल के अप्रैल माह में शहर के अलग-अलग जगहों में फैले सब्जी और फल कारोबार को कृषि उपज मंडी में शिफ्ट कर संचालित करने व्यापारियों को समझाइश देने का प्रयास शुरू किया था।तब किसी ने यह नहीं सोचा था कि शहर के अंचलों में असंगठित स्वरूप का यह व्यवसाय मंडी में शिफ्ट होने के बाद एक दिन आसमान की ऊंचाईयां छुयेगा। बीते एक साल की बात की जाय तो पहरूआ कृषि उपज मंडी से 43 करोड़ 57 लाख रूपए से अधिक का कारोबार हुआ है।जो एक रिकार्ड है।
*मुनाफे का गणित*
बाहर से व्यवसाय होने पर व्यापारी से कृषि उपज मंडी को लायसेंस शुल्क, मंडी शुल्क और प्रवेश शुल्क नहीं मिलता था। वहीं मंडी में फल और सब्जियों का व्यवसाय शिफ्ट होने के बाद से चालू साल फरवरी माह तक के मुनाफे के आंकड़े बेहद दिलचस्प और चौंकाने वाले हैं।
मंडी से व्यवसाय शुरू होने से करीब 350 व्यापारियों से लायसेंस शुल्क के रूप में मंडी को साढ़े तीन लाख रूपए की आय एवं मंडी शुल्क के 43 लाख 57 हजार 352 रूपए की आमदनी और प्रवेश शुल्क के तौर पर मंडी को मिले 5 लाख 50 हजार रूपए को मिलाकर कृषि उपज मंडी को रिकार्ड 52 लाख रुपए का मुनाफा हुआ है।
*प्रतिदिन 800 लोगों को मिल रहा काम*
कृषि उपज मंडी में फ़ल और सब्जी व्यवसाय शिफ्ट होने से रोजगार के अवसर बढ़े हैं। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर इस कारोबार से प्रतिदिन सौ महिलाओं सहित करीब 800 लोगों को काम मिल रहा है। रोजगार में मुख्यतः ट्रांसपोर्टेशन,हम्माल, तुलावाटी, पैकेजिंग , साफ-सफाई आदि के काम मिल रहें हैं।
*कलेक्टर को धन्यवाद*
आढ़त व्यापारियों और किसानों ने कृषि उपज मंडी से फल और सब्जी व्यवसाय शुरू कराने के लिए कलेक्टर श्री प्रसाद के प्रति आभार जताते हुए कहा कि यहां पुरैनी मंडी की तुलना में कारोबार और सुविधाएं सभी बेहतर है। व्यापारी पवन कुमार खटीक बताते हैं कि पुरैनी मंडी की अपेक्षा क़ृषि उपज मंडी से व्यापार करने पर मेरा व्यवसाय बढ़ा है। ग्राम मदनपुरा
निवासी किसान विनोद कुमार मौर्य ने बताया कि कृषि उपज मंडी में जगह बहुत है और पुरैनी मंडी की तुलना में यहां व्यापार बढ़ा है।इस नेक पहल के लिए कलेक्टर साहब को धन्यवाद।आढ़ती राज किशोर निषाद ने कृषि उपज मंडी से व्यवसाय शुरू कराने के लिए कलेक्टर को धन्यवाद देते हुए खुशी जाहिर की है।