रिपोर्टर सीमा कैथवास
नर्मदापुरम। वर्ष 1971 से निरंतर शिक्षको की कमी को पूर्ण करते हुऐ नर्मदा एजुकेशन सोसायटी कॉलेज ऑफ एजुकेशन नर्मदापुरम निरंतर प्रगतिशील है इस सस्था के द्वारा विभिन्न संकायो के साथ-साथ शैक्षिक अनुसंधान कार्य भी सफलता पूर्वक किये जा रहे है। सफलता की इस कडी में एक और नवाचार एन.ई.एस. शिक्षा महाविद्यालय द्वारा किया गया है। एन.ई.एस शिक्षा महाविद्यालय में शुक्रवार को शोध केन्द्र कार्यक्रम में मुख्य अतिथि नर्मदा एजुकेशन सोसायटी के अध्यक्ष पं.=भवानीशंकर शर्मा उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि का स्वागत शोध केन्द्र प्रभारी प्रो. डॉ असरार गनी के द्वारा किया गया। उन्होने अपने उद्बोधन में कहा कि समस्त स्टॉफ के सहयोग से यह कार्य सम्पन्न हो सका है तथा अगामी समय में शिक्षा संबंधी राष्ट्रीय एवं अर्तराष्ट्रीय शोध किये जायेगे। एन.ई.एस. शिक्षा महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. ज्योत्स्ना खरे ने अपने उद्बोधन में कहा कि शोध कार्य जो अब नई शिक्षा नीति 2020 का एक मुख्य अंग है उसी के अनुरूप महाविद्यालय प्रत्येक स्तर पर शोध कार्य करने हेतु अग्रसर रहेगा। प्राचार्य द्वारा प्रबंधक अरूण शर्मा नर्मदा एजूकेशन सोसायटी को विशेष रूप से धन्यवाद दिया गया। इनके अथक प्रयासो से आज यह कार्य पूर्ण हो पाया है। मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन में कहा कि उनका उद्देश्य शिक्षण संस्थाओ को उच्च स्तर तक ले जाना है आज महाविद्यालय निरंतर प्रगति कर रहा है। यह हमारे नर्मदापुरम् के लिए अत्यंत ही गौरव की बात है। शोध कार्य जब-जब इस शोध केन्द्र से होगे तो राज्य, शहर एवं संस्था का नाम भी भारत वर्ष एवं अर्तराष्ट्रीय स्तर पर भी होगा। वही अध्यक्ष द्वारा विधिवत शोध केन्द्र (शिक्षा) की घोषणा की गयी।
कार्यक्रम में शिक्षा विशेषज्ञ के रूप में डॉ दिवाकर सिंह काइस्ट कॉलेज भोपाल एवं प्राचार्य डॉ. प्रिंस जैन पं. रामलाल शर्मा शिक्षा महाविद्यालय, डॉ. कमलेश शुक्ला ,डॉ. डॉली जैन, डॉ कंनक पाठक, डॉ. विनिता शुक्ला, डॉ. हरीमोहन लौवंशी, रविशंकर मिश्रा, प्रवीण मीना, श्रीमती आनंदमयी दुबे, श्रीमती अंजू सक्सेना,श्रीमती ज्योति तिवारी, श्रीमती अंबिका राजपूत, श्रीमति प्रिंयका यादव, प्रेम असवारे, दीपक अहिरवार, रामसिंह राजपूत, गुलाब यादव, एवं दोनो महाविद्यालय के विद्यार्थी एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।