रिपोटर : हेमंत सिंह
राष्ट्रीय/म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कटनी द्वारा नेशनल लोक अदालत का आयोजन जिला न्यायालय कटनी एवं समस्त तहसील न्यायालयों में किया जा रहा है। नेशनल लोक अदालत में न्यायालय के समक्ष लंबित एवं प्री-लिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण आपसी सहमति के आधार पर किया जायेगा।
लोक अदालत में रखे जाने वाले प्रकरण निम्नानुसार है-
1. मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण ,2. जिला न्यायालय में लंबित राजस्व मामले , 3.भू-अधिग्रहण प्रकरण,4. वैवाहिक प्रकृति के मामले (तलाक के प्रकरणों को छोड़कर),5. धारा 138 एन.आई. एक्ट (चैकं बाउंस),6. श्रम और रोजगार से संबंधित विवादित मामले,7. आपराधिक प्रकरण (समझौते योग्य), 8. विद्युत, वाटर बिल और अन्य बिलों के भुगतान संबंधी मामले, 9. धन वसूली प्रकरण , 10. सर्विस मेटर्स से संबंधित मामले, 11. अन्य सिविल मामले जैसे किराया, सुखाधिकार, ब्यादेश वाद, विर्निदिष्ट अनुतोष हेतु दावा के साथ-साथ अन्य मामले रखे जा सकते हैं।
प्री-लिटिगेशन प्रकरण-
1. धारा 138 एन. आई.एक्ट, 2.धन वसूली मामले,
3. विद्युत और वाटर बिल के समझौता योग्य प्रकरण, 4.भरण पोषण के मामले , 5. श्रम और रोजगार से संबंधित विवादित मामले, 6.अन्य आपराधिक, वैवाहिक एवं सिविल प्रकृति के मामले।
लोक अदालत के लाभ :-
1. लोक अदालत का निर्णय अंतिम होता है, जिसके विरुद्ध कोई अपील अथवा पुनः रीक्षण नहीं होती है। जिससे समय, श्रग एवं धन की बचत होती है साथ ही पक्षकारों में प्रेम तथा सदभाव बना रहता है।
2. लोक अदालत में मामलों के निराकरण हेतु कोई शुल्क देय नहीं होता है और पूर्व में दी गई कोर्ट फीस पक्षकार को वापिस कर दी जाती है।
3. विद्युत चोरी के प्रकरणों में नियमानुसार छूट दी जायेगी।4. नगर निगम द्वारा संपत्ति कर तथा जल कर के मामलों में नियमानुसार छूट दी जायेगी।
अतः पक्षकार गण से अनुरोध है कि, नेशनल लोक अदालत में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेकर, अपने प्रकरण का आपसी समझौता से निराकरण कराकर लोक अदालत का लाभ उठाएं और समाज में भाई-चारा बनायें।