रिपोर्टर सीमा कैथवास
संत शिरोमणि रविदास जयंती पर जिझोतिया भवन में हुआ भव्य आयोजन,भंडारा प्रसादी भी हुई..
नर्मदापुरम। मन चंगा तो कठौती में गंगा, संत रविदास की यह कहावत बहुत प्रसिद्ध है। इस कहावत के द्वारा संत रविदास मन की पवित्रता पर जोर देते हैं, संत रविदास कहते हैं जिस व्यक्ति का मन पवित्र होता है,उसके बुलावे पर मां गंगा एक कटौती में भी आ जाती है। यह बात संत गुरु रविदास ने सिद्ध भी की है। जिनका जन्म उत्तरप्रदेश के वाराणसी के निकट सीर गोवर्धनगांव में बहुत ही गरीब परिवार में हुआ था। उच्च कोटि के आध्यात्मिक गुरु और महान समाज सुधारक होने से ही महान संत रविदास जी की जयंती पूरे देश में मनाई जाती है। यह बात नर्मदापुरम अहिरवार समाज द्वारा आयोजित संत शिरोमणि रविदास जी की 647वी जयंती के अवसर पर जिझोतिया भवन में आयोजित मुख्य समारोह को संबोधित करते हुए भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ कैलाश जाटव द्वारा कही गई। डॉ जाटव ने आग्रह किया कि अनुसूचित जाति वर्ग के महापुरुषों को याद करना चाहिए, उनके आदर्शों का पालन करना चाहिए। समाज को एकजुट होकर, शिक्षित बनकर, संगठित होकर संघर्ष करते हुए आगे बढ़ना चाहिए। इस अवसर पर मालाखेड़ी स्थित संत रविदास मंदिर प्रांगण में मुख्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उक्त कार्यक्रम में मंचासिन मुख्य अतिथि रविदास मंदिर के सेवादार रेवती प्रसाद जी, नपा अध्यक्ष श्रीमती नीतू यादव ,भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा प्रदेश समिति सदस्य सीमा कैथवास, अजामो जिला अध्यक्ष राजू बकोरिया, रिटायर्ड पुलिस डीएसपी अभय राम चौधरी रहे। उक्त कार्यक्रम के संयोजक एवं भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अनिल आर्य ने कार्यक्रम का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर अन्य पदाधिकारी जैसे सचिव राममोहन अहिरवार, कोषाध्यक्ष सत्येंद्र बरगले, सेवानिवृत्त डीएसपी अभयराम चौधरी, बीसी बरगले, ओमप्रकाश अहिरवार, कृष्ण कुमार अहिरवार,नेमीचंद अहिरवार, अशोक अहिरवार, रामस्वरूप अहिरवार,चरण सिंह अहिरवार, अजय अहिरवार, हरि बरगले आदि समाजसेवी, प्रबुद्ध जन, सामाजिक कार्यकर्ता सहित बड़ी संख्या में मालाखेड़ी अहिरवार समाज के धर्मप्रेमी बंधुओ,सामाजिक बंधु, महिलाए, बच्चे इत्यादि ने सहभागिता निभाई। उक्त कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉक्टर कैलास जाटव जी के हाथो से समाज में श्रेष्ठ कार्य करने वालो बंधुओ को मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंत में संत शिरोमणि रविदास जी महाराज के महाप्रसाद भंडारे का आयोजन भी किया गया।