प्रदेश इकाई के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में कमलनाथ के शामिल होने की अटकलों को खारिज करते हुए रविवार शाम दावा किया उन्होंने उनसे कहा है कि वह कहीं नहीं जा रहे.
पटवारी ने पीटीआई से कहा, “भाजपा मीडिया का दुरुपयोग करती है तथा एक व्यक्ति की ईमानदारी पर सवाल उठाती है और यह बात सामने आ गई है. मेरी कमलनाथ से बात हुई और उन्होंने मुझसे कहा कि मीडिया में आ रही खबरें एक साजिश का हिस्सा हैं. उन्होंने मुझसे कहा कि वह कांग्रेसी हैं और कांग्रेस में ही रहेंगे.”
पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष ने कहा, “गांधी परिवार के साथ उनका रिश्ता अटूट है. वह कांग्रेस की विचारधारा के साथ रहे हैं और अंत तक उसी के साथ रहेंगे. उन्होंने मुझसे यही कहा है.” यह पूछे जाने पर कि कमलनाथ स्वयं अपना पक्ष क्यों नहीं रख रहे, पटवारी ने कहा कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सही समय पर बोलेंगे. उन्होंने कहा, “मैंने जो कहा, वह उनके ही हवाले से था.”
कमलनाथ और छिंदवाड़ा सीट से उनके सांसद बेटे नकुलनाथ शनिवार दोपहर राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे. नकुल नाथ ने सोशल मीडिया पर अपने परिचय से ‘कांग्रेस’ हटा दिया है. सोशल मीडिया मंच ‘एक्स; पर नकुलनाथ के परिचय में अब सिर्फ इतना लिखा है कि वह छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) के सांसद हैं; कमलनाथ पहले नौ बार इस लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.
कमलनाथ के प्रति वफादार मध्य प्रदेश के लगभग आधा दर्जन विधायक रविवार को दिल्ली पहुंचे, जिससे यह अटकलें तेज हो गई हैं कि पिता-पुत्र सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल होने वाले हैं. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में, कमलनाथ के सहयोगी दिग्विजय सिंह ने भरोसा जताया है कि उनके ‘पुराने मित्र’ उस पार्टी को नहीं छोड़ेंगे जिसके साथ उन्होंने अपना राजनीतिक सफर शुरू किया’
इस बीच, कमलनाथ के करीबी माने जाने वाले कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री से दिल्ली में मुलाकात की. वर्मा ने कमलनाथ के साथ बैठक के बाद कहा, “मेरी उनसे बातचीत हुई. वह एक चार्ट लेकर बैठे थे कि लोकसभा के टिकट कैसे बांटे जाएंगे और जातीय समीकरण क्या होंगे. उन्होंने (कमलनाथ) कहा, “मेरा ध्यान यह पता लगाने पर है कि मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीट पर जातिगत समीकरण क्या होंगे.” उन्होंने कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ भी (पार्टी छोड़ने के बारे में) नहीं सोचा है और न ही उन्होंने इस विषय पर किसी से बात की है.