समय-सीमा में सीमांकन प्रकारणों का निपटारा नहीं करना पांच तहसीलदारों को पड़ा महंगा
कलेक्टर श्री प्रसाद ने किया जवाब तलब
प्रत्येक लंबित प्रकरण पर हो सकता है 5 सौ से 5 हजार रूपये तक का जुर्माना
6 माह से एक वर्ष तक के लंबित है सीमांकन प्रकरण
कटनी (17 फरवरी ) – जिले के चार तहसीलदारों और एक नायब तहसीलदार को समय -सीमा के भीतर सीमांकन आवेदनों का निपटारा नहीं करना महगां पड गया। कलेक्टर अवि प्रसाद द्वारा समीक्षा के दौरान पाया गया कि इन सभी पांच राजस्व अधिकारियों द्वारा लोक सेवा प्रदाय की गारंटी अधिनियम के तहत सीमांकन के प्रकरण निर्धारित समयावधि में निराकृत नहीं किये गए।
कलेक्टर श्री प्रसाद ने 6 माह से एक वर्ष तक के सीमांकन के लंबित प्रकरणों के लिए सभी पांच राजस्व अधिकारियों को नोटिस जारी कर सीमांकन प्रकरण में विलंब के लिए युक्तियुक्त कारण उपस्थित होकर अवगत कराने 23 फरवरी की तिथि निर्धारित की है। युक्तियुक्तकरण जवाब नहीं पाये जाने पर लोक सेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम के तहत शास्ति अधिरोपित की जायेगी। साथ ही जवाब में विलंब के कारण असंतोष पाये जाने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही भी प्रस्तावित की जायेगी।
आवेदनों का निर्धारित समय- सीमा में निराकरण नहीं किये जाने पर प्रत्येक प्रकरण पर 500 रूपये से 5 हजार रूपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।
लोक सेवा प्रदाय अधिनियम के तहत सीमांकन का समय-सीमा में निपटारा करना अधिसूचित सेवाओ मे शामिल है। लेकिन कलेक्टर श्री प्रसाद द्वारा समीक्षा के दौरान पाया गया कि 16 फरवरी की स्थिति में लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत तहसीलदार कटनी नगर पदाविहित अधिकारी आशीष अग्रवाल के स्तर पर 24 आवेदन समय- सीमा के बाहर लंबित पाये गए। इसी प्रकार तहसीलदार कटनी पदाविहित अधिकारी अजीत कुमार तिवारी के स्तर पर सीमांकन के 6 आवेदन समय-सीमा के बाहर के लंबित पाये गए।
इसके अलावा तहसीलदार बरही पदाविहित अधिकारी नितिन कुमार पटेल द्वारा लोक सेवा के प्रदाय की गारंटी अधिनियम की अधिसूचित सेवाओं में शामिल सीमांकन के दो आवेदन तथा तहसीलदार विजयराघवगढ़ पदाविहित अधिकारी बालकृष्ण मिश्रा के स्तर पर सीमांकन के 10 आवेदन समय- सीमा के बाहर के लंबित पाये गए। इसके अलावा नायब तहसीलदार सिनगौडी पदाविहित अधिकारी प्रसन्न कुमार वर्मा के स्तर पर लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत सीमांकन के दो आवेदन समय-सीमा के बाहर के लंबित मिले।
इन सभी मामलों मे कलेक्टर ने पांचों पदाविहित अधिकारियों से 23 फरवरी को उपस्थित होकर कारण अवगत कराने का नोटिस जारी किया है।