*सिराली*
सिराली तहसील से लगे हुए क्षेत्र में जगह-जगह देसी विदेशी शराब बेची जा रही है। उच्च अधिकारियों को इस विषय में बार-बार बताने पर भी कार्रवाई नहीं की जा रही है । सिर्फ़ दिखावे के लिए एक दो ढाबे पर से 8 -10 पाव का केस बना देते हैं जबकि ठेकेदार द्वारा ठेके से ही या तो ढाबा मालिक स्वयं थोक में दारू ले जाते हैं या ठेकेदार के कर्मचारी अपने निजी वाहन से गांव-गांव शराब पहुंचते हैं ।जबकि ठेकेदार स्वयं अपने वाहन से वनांचल क्षेत्र में प्रतिदिन देसी विदेशी शराब पहुंचते हैं। वही सोचने वाली बात है यदि ढाबे पर से पेटी की पेटी शराब पकड़ी जाती है तो उच्च अधिकारी यह जांच नहीं करते कि यह कहां से लेकर आए हैं। ठेकेदार इतनी थोक में शराब क्यों दे रहा है। यह भी नहीं जांच की जाती क्या वजह है जो अधिकारी ठेकेदार पर इतने मेहरबान है। ठेकेदार पर कभी भी किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की जाती । ढाबा संचालकों पर केस बनाकर ईति श्री कर लेते हैं ,क्या वजह है। उच्च अधिकारी यह नहीं जांच करते की ढाबे पर दारू पहुंच कहां से रही है पहुंचाने वाला या बेचने वाला कोई भी तो होगा तभी तो ढाबे पर इतनी अधिक संख्या में दारू की पेटियां जाती है।उच्च अधिकारियों को बार-बार अवगत भी कराया गया परंतु इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं।
हरदा से श्रीराम कुशवाह की रिपोर्ट