केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले देश में सीएए को लागू किया जाएगा। इसमें कोई कंफ्यूजन नहीं होना चाहिए। गृह मंत्री ने कहा कि हमारे देश के अल्पसंख्यक समुदायों, खासतौर पर मुस्लिम समुदाय को CAA के खिलाफ भड़काया जा रहा है कि CAA उनकी नागरिकता छीन लेगा। लेकिन, इसमें ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। CAA ऐसा एक्ट है जो बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में अत्याचार सह रहे शरणार्थियों को नागरिकता दिलाएगा।
अमित शाह ने शनिवार को निजी चैनल के इंटरव्यू में कहा- जब देश का विभाजन हुआ, वहां पर अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित किया जाता था। उस दौरान कांग्रेस सरकार ने CAA लागू करने का वादा किया था। कांग्रेस ने शरणार्थियों को भरोसा दिलाया था कि वे भारत आ सकते हैं। उन्हें यहां की नागरिकता दी जाएगी, लेकिन अब कांग्रेस अपनी बात से ही मुकर रही है।
वहीं, गृह मंत्री ने आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर साफ कहा कि जहां तक चुनाव के नतीजों का सवाल है, उसमें कोई सस्पेंस नहीं बचा है। जिनके सामने हमें चुनाव लड़ना है, वे भी संसद में आश्वस्त दिखते हैं कि इस बार भी उन्हें विपक्ष में ही बैठना है।
गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 (CAB) को 10 दिसंबर को संसद में पेश किया था। इस दिन यह बिल लोकसभा में पास हुआ। 11 दिसंबर 2019 को राज्यसभा में CAB पेश किया गया था। जिस पर वोटिंग हुई। राज्यसभा में CAB के पक्ष में 125 और खिलाफ में 99 वोट पड़े थे। अगले दिन इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई। दोनों सदनों से पास होने के बाद यह बिल कानून बन गया।
2016 में नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 (CAA) पेश किया गया था। इसमें 1955 के कानून में कुछ बदलाव किया जाना था। ये बदलाव थे, भारत के तीन मुस्लिम पड़ोसी देश बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देना। इसमें अब तक 6 बार बदलाव किया जा चुका है। 1986, 1992, 2003, 2005, 2015, 2019 में संशोधन किया जा चुका है।
12 अगस्त 2016 को इसे संयुक्त संसदीय कमेटी के पास भेजा गया। कमेटी ने 7 जनवरी 2019 को रिपोर्ट सौंपी थी। पहले नागरिकता के लिए देश में 11 साल रहना जरूरी था। लेकिन, संशोधन के बाद इसकी अवधि घटाकर 6 साल कर दी गई।