रिपोर्टर सीमा कैथवास
नर्मदापुरम/// नर्मदापुरम तहसील के अंतर्गत नर्मदा पुलघाट (खर्रा घाट), बीटीआई कर्बला,बांद्राभान मगरिया सहित रायपुर, निमसाडिया रेत खदान से बड़े स्तर पर निरंतर रसूखदार रेत माफिया अवैध खनन और ट्रैक्टर ट्रालियों के माध्यम से रेत चोरी कर अवैध कारोबार कार्य करवा रहे हैं। जिससे शासन को प्रतिदिन लाखों रुपए की राजस्व हानि भी हो रही है। खनिज विभाग भी अपने सीमित संसाधनों के माध्यम से निरंतर कार्यवाही कर रहा है, इसके बावजूद ट्रैक्टर ट्रालियों से निरंतर शहर नर्मदापुरम, इटारसी सहित पड़ोसी तहसील में रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन निरंतर जारी है। रेत माफिया इतने रसूखदार और हाईटेक हैं कि उन्होंने अधिकारियों की मॉनिटरिंग के लिए अपने गुर्गे 24 घंटे बंगले एवं कार्यालय के आसपास तैनात कर रखे हैं जो निरंतर पल-पल की जानकारी रेत माफिया तक पहुंचाते हैं। जिसके कारण जब प्रशासन का हमला छापामार कार्रवाई करता है इन खदानों से ट्रैक्टर ट्रालियां गायब हो जाती हैं उसके बावजूद प्रशासन अपने तरीके से रेत के अवैध कारोबार में लगी ट्रैक्टर ट्रालीयां सहित डंपर को पकड़ने में कामयाब होता है। शनिवार को भी जिला खनिज अधिकारी दिवेश मरकाम के नेतृत्व में खनिज विभाग की टीम ने बीटीआई कर्बला से एक ट्रैक्टर ट्राली को रेत चोरी कर अवैध परिवहन करते हुए पकड़ा हैं।जिसे सिटी कोतवाली में पुलिस अभिरक्षा में रखा गया है। इसी प्रकार बांद्राबांध रोड से भी मगरिया तवा पुल से रेत चोरी कर अवैध परिवहन करते हुए रेत से भरी एक ट्रैक्टर ट्राली को पकड़ा है। जिसे देहात थाने में पुलिस अभिरक्षा में रखा गया है। इसके बाद से रेत माफियाओं में हड़कंप मच गया है। यदि इन खदानों का राजस्व विभाग से सीमांकन कराकर जांच कराई जाए तो बड़े स्तर पर रेत चोरी के मामले का खुलासा होगा। जिला खनिज अधिकारी दिवेश मरकाम ने बताया कि पकड़ी गई रेत से भरी ट्रैक्टर ट्रालियो के विरुद्ध प्रकरण बनाया जा रहा है। अभी यह जानकारी नहीं है कि ट्रैक्टर मालिक कौन है जांच कराई जा रही है। जिनके पास से कोई रॉयल्टी भी नहीं मिली है। उल्लेखनीय है कि पूर्व में भी रेत चोरी के मामले में वाहन मालिकों सहित ड्राइवर पर एफआईआर दर्ज हुई है । रेत चोरी के उक्त मामले में भी ट्रैक्टर मालिक सहित चालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज होना चाहिए और जिन क्षेत्रों से अवैध उत्खनन हुआ है राजस्व विभाग को वहां पर सीमांकन कर अवैध उत्खनन का प्रकरण बनाना चाहिए। जिससे शासन को प्रतिदिन हो रही राजस्व हानि को रोका जा सके और रेत माफियाओ के ऊपर अंकुश लग सके। अवैध खनन परिवहन को रोका जा सकेगा।