अग्निवीर को भविष्य में रोजगार के लिए मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि वह सेना से कौशलवीर बनकर बाहर निकलेंगे। सेना ने अपने जवानों एवं अग्निवीरों को तकरीबन 500 किस्म के रोजगारपरक कौशल से लैस कराने के लिए कौशलवीर नामक एक नई योजना शुरू करने का फैसला किया है।
सेना के सूत्रों के अनुसार, यह योजना नई शिक्षा नीति और नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (NCF) के अनुरूप है तथा इसे नेशनल स्किल डवलपमेंट काउंसिल की मदद से तैयार किया जा रहा है। योजना के तहत जवानों एवं अग्निवीरों के कौशल को नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क के साथ जोड़ा जाएगा और आवश्यक प्रशिक्षण देकर उन्हें नेशनल स्किल क्वालीफिकेशन लेवल 5.5 के अनुरूप सार्टिफिकेट प्रदान किए जाएंगे। इसमें अधिकतम उप प्रबंधक स्तर का रोजगार मिल सकेगा।
सेना की तरफ से कौशलीवीर परियोजना का जो खाका तैयार किया गया है, उसके अनुसार करीब पांच सौ किस्म के कौशल को चिह्नत किया गया है। इनमें से किसी एक कौशल से एक जवान को लैस किया जाएगा। इसके लिए देश भर में 37 स्किल सेक्टर काउंसिल और उससे संबद्ध 100 ट्रेनिंग संस्थानों की भी मदद ली जाएगी। परियोजना में कौशल प्रमाण-पत्र प्रदान करने वाली 17 एजेंसियों एवं आकलन करने वाली 40 एजेंसियों की मदद ली जा रही है।
कौशलवीर योजना
सेना के जवान सुरक्षा ड्यूटी के अलावा भी अन्य किस्म के तकनीकी कार्य में लगे रहते हैं। इन्हीं के आधार पर पांच सौ किस्म के कार्यो की पहचान की गई है। सेवानिवृत्ति से पूर्व जवानों को उनके अनुरूप अतिरिक्त प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण देकर उन्हें उद्योग जगत की जरूरत के अनुरूप तैयार किया जाएगा, ताकि सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें तत्काल बाजार में रोजगार उपलब्ध हो सके।
जवानों की स्थिति
आंकड़े बताते हैं कि 62 हजार जवान सेना से हर साल सेवानिवृत्त होते हैं। वहीं, 50 हजार अग्निवीर साल में भर्ती हो रहे हैं। 38 हजार अग्निवीरों का सेवाकाल 2026 में पूरा होगा।