कटनी। शासकीय महाविद्यालय विजयराघवगढ़ में व्यावसायिक शिक्षा के अंतर्गत स्नातक स्तर के विद्यार्थियों को प्रभारी प्राचार्य डॉक्टर अरुण कुमार सिंह के मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण समन्वयक डॉ सुमन पुरवार के सहयोग से जैविक कृषि विशेषज्ञ रामसुख दुबे द्वारा स्वरोजगार स्थापित करने के लिए जैविक खेती का प्रशिक्षण विद्यार्थियों को दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के क्रम में विद्यार्थियों को ग्राम में उपलब्ध कचरा गोबर से कम लागत तकनीकी के अंतर्गत गोबर कंपोस्ट एवं केंचुआ खाद निर्माण तथा फसलों में उपयोग का प्रशिक्षण दिया गया। बिना गोबर कंपोस्ट बनाएं अधसड़ा गोबर खेत में डालने से नींदा एवं दीमक में वृद्धि तथा पोषक तत्वों की कमी से फसल उत्पादन कम होता है। चार माह में तैयार होने वाली गोबर कंपोस्ट को 20 से 25 टन प्रति हेक्टर उपयोग करने की सामान्य एवं इंदौर विधि की तकनीकी जानकारी का प्रशिक्षण दिया गया। केंचुआ खाद बनाने के लिए आइसीनिया फोटिडा केंचुआ कचरा गोबर को 30 से 45 दिन में खाद बना देते हैं। प्रति एकड़ 8 से 10 क्विंटल केंचुआ खाद का उपयोग करते हैं जिसमें सभी पोषक तत्व पाए जाते हैं। केंचुआ खाद के उपयोग से भूमि की गुणवत्ता में सुधार जल धारण क्षमता में वृद्धि तथा कीट एवं रोग कम लगते हैं। फलों सब्जियों एवं अनाजों का उत्पादन बढ़ जाता है पौष्टिक स्वाद रंग एवं आकार अच्छा हो जाता है।