कटनी। जिले में सुरक्षित मातृत्व को बढ़ावा देने और मातृ मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से कलेक्टर अवि प्रसाद के निर्देश पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के अंतर्गत जिले के सभी विकासखंडो में प्रत्येक माह की 9 व 25 तारीख को हाई रिस्क वाली गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य परीक्षण हेतु स्त्री रोग विशेषज्ञों की ड्यूटी लगाई गई है।
कलेक्टर श्री प्रसाद प्रसव के रेफरल मामलों की भी सतत् समीक्षा करते हैं। इसके पहले बीते दिसम्बर माह में कलेक्टर के निर्देश पर मातृत्व सुरक्षा की दृष्टि से शासकीय और निजी चिकित्सकों की कार्यशाला आयोजित की गई थी। इसमें उपसंचालक मातृ स्वास्थ्य डॉ. अर्चना मिश्रा और डॉ. अनुपमा प्रसाद भी मौजूद रहीं। इसी कार्यशाला में निजी व शासकीय चिकित्सकों ने विकासखंडो में हाईरिस्क गर्भवती महिलाओं की जांच व उपचार हेतु जाने की सहमति प्रदान की थी।
*ये डॉक्टर देंगे सेवायें*
कलेक्टर के निर्देश पर सी.एम.एच.ओ द्वारा स्त्री रोग विशेषज्ञों की हर माह की 9 व 25 तारीख के लिए डॉक्टर्स की ड्यूटी लगाई गई है। इनमें माह की 9 तारीख को जिला चिकित्सालय कटनी में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. श्रद्धा द्विवेदी, सिविल अस्पताल विजयराघवगढ़ में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. धनेश्वरी सिंह, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रीठी में डॉ. हर्षा बत्रा, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बहोरीबंद में डॉ. सीमा शिवहरे, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र उमरियापान में डॉ. उमा निगम तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बरही में डॉ. हर्षिता गुप्ता, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहाड़ी में डॉ. सुनीता वर्मा और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बड़वारा में डॉ. वंदना गुप्ता की ड्यूटी रहेगी।
इसी प्रकार हाईरिस्क महिलाओं की जांच 25 तारीख को जिला चिकित्सालय में डॉ. सुनीता वर्मा, सिविल अस्पताल विजयराघवगढ़ में डॉ. धनेश्वरी सिंह, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रीठी में डॉ. स्वाती चौधरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बहोरीबंद में डॉ. नीतू जैन, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र उमरियापान में डॉ. शानू अग्रवाल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बरही में डॉ. नम्रता जायसवाल और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहाड़ी में डॉ. अनीता जैन तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बड़वारा में डॉ. निधि बजाज हर माह की 25 तारीख को उपस्थित रहकर गर्भवती महिलाओं की जांच व उपचार करेंगे। इसके अलावा रिजर्व में भी 8 स्त्री रोग विशेषज्ञों का दल रखा गया है।
विदित हो कि प्रत्येक गर्भवती माता की 4 जांच किये जाने का प्रावधान हैं, जिसमें से एक जांच स्त्री रोग विशेषज्ञ चिकित्सक द्वारा ही की जानी है।
*रेडियोलॉजिस्ट की व्यवस्था*
मातृ मृत्यु दर में कमी लाने संवेदनशील कलेक्टर श्री प्रसाद ने गर्भवती माताओं की सोनोग्राफी के माध्यम से जांच हेतु पिछले माह ही स्वास्थ्य आयुक्त को रेडियोलॉजिस्ट की पदस्थापना हेतु पत्र लिखा है।