कटनी।माननीय उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश द्वारा दिये गये निर्देश के अनुक्रम में हिट एण्ड रन के संबंध में नवीन कानूनी प्रावधान के विरोध में की जा रही हड़ताल को समाप्त करने के लिये ट्रक एवं स्कूल बस यूनियन ऑपरेटर्स के साथ भोपाल में अपर मुख्य सचिव गृह, सचिव परिवहन एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक हुई।
अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा ने बताया कि बैठक में प्रस्तावित नवीन कानूनों के संबंध में यूनियन के प्रतिनिधियों को आवश्यक जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि धारा 106 (2) भारतीय न्याय संहिता में जुर्माने की राशि को विशिष्ठ रूप से वर्णित नहीं किया गया है, 7 लाख या 10 लाख संबंधी जुर्माने की राशि के प्रावधान का प्रचार भ्रामक होकर असत्य है। उन्होंने बताया कि यदि वाहन चालक एक्सिडेंट में हुई मृत्यु के विषय में समय पर पुलिस को सूचना दे देता है तो उस स्थिति में नये कानून में भी जमानती धारा का प्रावधान है।
अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजौरा ने बताया कि प्रस्तावित भारतीय न्याय संहित की धारा 106(2) में केवल उसी स्थिति में 10 वर्ष की अधिकतम सजा का वर्णन है तथा कोई न्यूनतम सजा परिभाषित नहीं की गई है, जबकि कोई मोटरयान चालक किसी सड़क दुर्घटना में व्यक्ति की मृत्यु हो जाने के बाद बिना पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचना दिया मौके से फरार हो जाता है। यदि किसी व्यक्ति से दुर्घटना हो जाती और वह इस संबंध में पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचना दे देता है तब धारा 106(2) के भारतीय न्याय संहिता के प्रावधान उस पर लागू नहीं होते है। यह भी स्पष्ट किया गया है कि कानून में उल्लेखित दण्ड माननीय न्यायालय द्वारा पूरी विधिक प्रक्रिया के पालन के पश्चात निर्धारित किया जाता है।
अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजौरा एवं अन्य अधिकारियों द्वारा विभिन्न ट्रक, स्कूल एवं बस ऑपरेटर यूनियन के प्रतिनिधियों को प्रावधानों से अवगत कराकर स्थितियाँ स्पष्ट करते हुए सेवाएँ यथावत जारी रखने के लिये सहयोग करने और हड़ताल समाप्त करने का आहवान किया गया।
*मुख्य बिंदु*
👉हिट एवं रन के संबंध में नवीन कानूनी प्रावधान के विरोध में की जा रही हडताल के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय म.प्र. के दिनांक 02.01.2024 को प्रदत्त आदेश के अनुक्रम में, अपर मुख्य सचिव गृह, सचिव परिवहन, अपर परिवहन आयुक्त के साथ विभिन्न ट्रक, स्कूल, बस ऑपरेटर यूनियन आदि की हडताल समाप्त किये जाने हेतु बैठक आयोजित की गई। उक्त बैठक में प्रस्तावित नवीन कानून के संबंध में संबंधित यूनियनों को आवश्यक जानकारी दी गई।
👉प्रस्तावित भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 के भाग 2 में केवल उसी स्थिति में 10 वर्ष की अधिकतम सजा के प्रावधान का वर्णन है तथा कोई न्यूनतम सजा परिभाषित नहीं की गई है। जबकि कोई मोटरयान चालक किसी सड़क दुर्घटना में व्यक्ति की मृत्यु कारित हो जाने के बाद बिना पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचना दिये मौके से भाग जाता है। यदि किसी व्यक्ति से एक्सीडेंट हो जाता है और वह इस संबंध में पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचना दे देता है तब धारा 106 (2) भारतीय न्याय संहिता के प्रावधान उस पर लागू नहीं होते। यह भी स्पष्ट किया गया कि कानून में उल्लेखित दण्ड माननीय न्यायालय द्वारा पूरी विधिक प्रकिया के पालन के पश्चात निर्धारित किया जाता है।
👉 धारा 106 (2) भारतीय न्याय संहिता में जुर्माने की राशि को विशिष्ट रूप से वर्णित नहीं किया गया है। 7 लाख या 10 लाख संबंधी जुर्माने की राशि के प्रावधान का प्रचार भ्रामक होकर असत्य है।
👉. यदि वाहन चालक एक्सीडेंट में हुई मृत्यु के विषय में समय पर पुलिस को सूचना दे देता है तो उस स्थिति में नये कानून में भी जमानती धारा का प्रावधान है।
👉 विभिन्न ट्रक, स्कूल, बस ऑपरेटर यूनियन के प्रतिनिधिगणो को उक्त स्थितियां स्पष्ट करते हुए सेवाएं यथावत जारी रखने हेतु सहयोग करने तथा हडताल समाप्त करने का आव्हान किया गया।