रिपोर्टर सीमा कैथवास
नर्मदापुरम। कृषि विज्ञान केंद्र गोविंदनगर जिला नर्मदापुरम की छठवी वैज्ञानिक परामर्शदात्री समिति की बैठक शुक्रवार को कृषि विज्ञान केंद्र गोविंदनगर के डॉ. ऐ. पी. जे. अब्दुल कलाम सभागार में आयोजित की गयी जिसकी अध्यक्षता संचालक विस्तार सेवाएँ जवाहरलाल नेहरु कृषि विश्वविद्यालय से पधारे प्रतिनिधि डॉ संजय वैशम्पायन ने की। बैठक में उपसंचालक कृषि श्री जे.आर. हेडाऊ, सहायक बीज प्रमाणीकरण अधिकारी, डॉ. उपमा रावत, ब्लाक पशु चिकित्सा अधिकारी पिपरिया, डॉ. पी.एस.यादव एवं कृषि विज्ञान केंद्र गोविंदनगर के अध्यक्ष श्री अनिल अग्रवाल, भाऊसाहब भुस्कुटे स्मृति लोक न्यास गोविंदनगर के उपाध्यक्ष, श्री मकरन सिह पटेल, सहसचिव, श्री केशव माहेश्वरी, m श्री भूपेन्द्र सिंह पटेल, श्री अनिल बरोलिया, श्री मनोज राय वं कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, डॉ. संजीव कुमार गर्ग एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक व सह वैज्ञानिक तथा जिले के प्रगतिशील कृषको की उपस्थिति में संपन्न की गई ।बैठक में निदेशक, भा.कृ.अनु.प.- कृषि तकनिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान,जबलपुर डॉ. एस.आर. के. सिंह जी ने आभासी रूप से भाग लिया। सर्वप्रथम अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन किया गया, तत्पश्चात अतिथियों को श्रीफल एवं मोमंटो प्रदान कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। बैठक की शुरुआत मे केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ संजीव कुमार गर्ग ने 2022-23 की पंचम वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक में आए सुझाव के परिपेक्ष्य में की गई कार्य का प्रस्तुतीकरण किया जिसमे ड्रोन प्रदर्शन, जैविक खेती, मृदा परीक्षण, जैविक कीट प्रवंधन, विकसित प्रजातियां, व्यवसायिक फसल के बारे मे प्रगति बताई । इसके साथ ही रबी 2023 की कार्य योजना डॉ गर्ग ने समिति के अध्यक्ष एवं सम्मानीय सदस्यों के समक्ष प्रस्तुत की तत्पश्चात सामूहिक चर्चा एवं सुझाव आमंत्रित किये गये ।
बैठक में आभासी रूप से जुड़े निदेशक, भा.कृ.अनु.प.- कृषि तकनिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान,जबलपुर डॉ. एस. आर. के. सिंह जी द्वारा मार्गदर्शन प्रदान करते हुए कहा कि प्राकृतिक खेती में आर्गेनिक कार्बन के परिणाम आने में लगभग 5 वर्ष लगते है । नवीनतम एवं सर्वश्रेष्ठ तकनिकी से वित्तीय एवं मानव संसाधन से परिणाम मूलक कार्य हेतु योजना बनाई जाए व नीति आयोग द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र को सलाह दी गई कि जिले के प्रत्येक विकासखंड में उचित डिजिटलाजेशन के माध्यम से प्रत्येक किसान तक कृषि योजनाओं की पहुंच होनी चाहिए, जिसके OFT, FLD, CFLD, जागरूकता, प्रशिक्षण कार्यक्रम, सन्देश एवं साहित्य आदि माध्यम हो सकते है । डॉ. संजय वैशम्पायन द्वारा उद्बोधन देते हुए कहा कि प्राकृतिक खेती कर रहे सफल किसानो की सफलता की कहानी व्यापक रूप से जिले में प्रसारित की जाए जिससे जिले के अन्य किसानो को प्राकृतिक खेती हेतु प्रेरणा एवं जागरूकता मिले । कृषि ड्रोन तकनिकी से लागत को कम कर के उत्पादन को बढया जा सकता है अनेक विकसित देश ड्रोन तकनिकी का प्रयोग कर अधिक उत्पादन एवं अधिक लाभ की कृषि कर रहे है ।
उपसंचालक जे.आर.हेडाऊ ने कहा कि पोर्टल पर पंजीकृत प्राकृतिक कृषको को उचित सलाह एवं प्राकृतिक कृषि से जुडी जानकारी कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा प्रेषित की जाए ।
बैठक में प्रगतिशील कृषक गोपाल कुशवाहा, शरद वर्मा एवं जिले के अन्य प्रगतिशील किसान, कृषि विज्ञान केंद्र गोविन्दनगर से वैज्ञानिक ब्रजेश कुमार नामदेव, डॉ देवीदास पटेल, डॉ. आकांक्षा पांडे,लवेश चौरसिया, राजेन्द्र पटैल, डॉ प्रवीण सोलंकी, पंकज शर्मा, विकास मोहरीर,राहुल माझी एवं अन्य स्टाफ उपस्थित रहे |
कार्यक्रम के अंत मे आभार प्रदर्शन कृषि विज्ञान केंद्र गोविन्दनगर के वैज्ञानिक ब्रजेश कुमार नामदेव द्वारा किया गया।