उमरियापान के समीप नेगवां गांव में जानलेवा बीमारी स्क्रब टाइफस का मरीज मिलने से स्वास्थ्य महकमे में खलबली मच गई।बुखार आने के बाद किशोरी के हालात बिगड़ने पर परिजनों ने जबलपुर मेडिकल कॉलेज में उपचार के लिए भर्ती कराया। यहाँ अस्पताल की टीम ने जांच के लिए सेम्पल लिया। मेडिकल कालेज के लैब की जांच रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई है।उमरियापान बीएमओ ड़ॉ बीके प्रसाद ने बताया कि नेगवां (परसेल) श्रवण कुमार लोधी की 11वर्षीय किशोरी सुहानी की आये दिन हालत गंभीर होने लगी। परिजन बीते 18 अक्टूबर को जबलपुर मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए किशोरी को भर्ती कराया। जांच में स्क्रब टाइफस होने की पुष्टि हुई। उपचार के बाद किशोरी को डॉक्टरों ने घर भेजा। अब कटनी जिला अस्पताल में एपीडमोलॉजिस्ट ड़ॉ राशि गुप्ता और रीवा से ड़ॉ के के यादव बीएमओ के साथ नेगवां गांव पहुँचकर किशोरी और उनके परिजनों से चर्चा की। गांव के अन्य लोगों के घरों में पहुँचकर जानकारी ली। बीएमओ को गांव में शिविर लगाने की बात कही।डॉक्टरों ने बताया कि अब पीड़ित की हालत में सुधार है।
56 लोंगो की जांच कर दी दवा:- उमारियापान अस्पताल के लैब टेक्नीशियन अशोक इंदौरिया ने बताया कि नेगवां में एक किशोरी के स्क्रब टाइफस से पीड़ित होने के बाद बुधवार को गांव में स्वास्थ्य शिविर लगाया गया। जिसमें 56 लोंगों की जांच कर दवा का वितरण किया गया। जबकि बुखार से पीड़ित 6 लोगों के सेम्पल लेकर जांच के लिए आईसीएमआर को भेजा गया है। इसके साथ स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में घर घर पहुँचकर सर्वे किया है।
तेजी से फैलता है इंफेक्शन:- बीएमओ ड़ॉ बीके प्रसाद ने बताया कि स्क्रब टाइफस बहुत तेजी से फैलने वाला वैक्टेरियल इंफेक्शन है।जो संक्रमित चिगर्स (लार्वा माइट्स) के काटने से फैलता है।इस बीमारी से रोगी की मौत भी हो सकती है। यह जीवाणु लंबी घास व झाड़ियों में रहने वाले चूहे, छछूंदर के शरीर पर रहने वाले पिस्सुओं में पनपते हैं। इन पिस्सुओं के काटने से यह बीमारी होती है।वर्तमान में चूहे, छछूंदर काटने के मामले बढ़े हैं। लिहाजा, एहतियात बरतने की जरूरत है।स्क्रब टाइफस से पीड़ित व्यक्ति को बुखार के साथ ठंड लगना, सिर दर्द,मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द होने के साथ गंध और स्वाद का पता न लगना,मानसिक तनाव प्राथमिक लक्षण हैं।
बीमारी का शुरू में पता नहीं चलता। हालत बिगड़ने लगती है। नियमित इलाज से मरीज के ठीक होने की संभावना भी रहती है।
रिपोर्टर राजेंद्र चौरसिया ढीमरखेड़ा कटनी