मध्यप्रदेश पंचायत राज्य एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की घारा 61-घ (1),(2) एवं (3) के तहत मामला दर्ज
कलेक्टर कोर्ट ने दिया था प्रशासन को कॉलोनी का प्रबंध ग्रहण करते हुए भूमि का कब्जा प्राप्त करने का आदेश
कटनी (03 नवंबर)- न्यायालय कलेक्टर कटनी अवि प्रसाद के निर्देश के बाद रीठी बायपास से लगी बेशकीमती जमीन पर किए जा रहे अवैध कॉलोनी निर्माण के मामले में अवैध कालोनाईजर घसीटा यादव निवासी कैलवारा खुद के विरुद्ध रीठी पुलिस थाना में मध्यप्रदेश पंचायत राज्य एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 61-घ (1), (2) एवं (3) के तहत एफ.आई.आर दर्ज की गई है।
यह है प्रकरण
भूमि स्वामी घसीटा पिता महंगू लाल यादव निवासी ग्राम कैलवारा खुर्द तहसील कटनी के द्वारा अपने स्वामित्व की ग्राम रीठी पटवारी हल्का नंबर 23 राजस्व निरीक्षक मंडल रीठी के अंतर्गत कृषि भूमि खसरा नंबर 734/1/1/1/1/1/1/1 के रकवा0.13 हेक्टेयर एवं खसरा नंबर 734/1/1/3/1/1/2/1/1/1/1/1/1 रकवा 0.41 हेक्टेयर भूमि पर अवैध आवासीय कालोनी निर्माण एवं प्लाटिंग कर पृथक पृथक व्यक्तियों को भूखंडों का विक्रय किया गया था। तथा निरंतर उक्त भूमि में से भूखंडों का विक्रय किया जा रहा था। भूमि स्वामी द्वारा अवैध रूप से प्लाटिंग कर 11 भूखंडों के विक्रय किए जाने को संज्ञान में लेकर न्यायालय कलेक्टर अवि प्रसाद द्वारा भूखंडों के विक्रय विलेखों सहित समस्त संबंधी दस्तावेज तलब किए गए थे।
न्यायालय कलेक्टर अवि प्रसाद ने अनावेदक द्वारा प्रस्तुत विक्रय पत्रों और खसरा अभिलेखों का सूक्ष्मता से अवलोकन किये जाने पर पाया कि उक्त भूमि पर अनावेदक द्वारा विशुद्ध व्यवसायिक कारणों से अवैध रूप से प्लाटिंग कर भूखंडों का विक्रय किया गया है। जिसे अनावेदक द्वारा अपने प्रस्तुत बयान में खुद स्वीकार भी किया गया। हालांकि अनावेदक द्वारा अपने बचाव में अवैध कॉलोनी संबंधी कानून की जानकारी न होने का तर्क भी न्यायालय कलेक्टर श्री प्रसाद के समक्ष दिया गया। जिसे न्यायालय कलेक्टर द्वारा यह कहते हुए अस्वीकार्य किया गया कि जब अनावेदक को डायवर्सन की जानकारी थी और उसने बकायदा डायवर्सन की अनुमति ली थी तो फिर कानून की जानकारी न होने का तर्क सहज स्वीकार्य नहीं किया जा सकता। साथ ही न्यायालय तहसीलदार रीठी द्वारा उक्त भूमि से संबंधित 11 भूखंडों के नामांतरण प्रकरणों में आदेश पारित किए जाने से अवैध रूप से 11 भूखंडों का अनावेदक द्वारा विक्रय किए जाने की पुष्टि भी होती है। जो कि मध्य प्रदेश पंचायत राज एवम् ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 61(घ) (2) अवैध कॉलोनी निर्माण के लिए दंड में वर्णित है कि कालोनी निर्माण करने वाला कोई व्यक्ति जो कालोनी स्थापित करने के उद्देश्य से अपनी भूमि को या किसी अन्य की भूमि को इस अधिनियम या इस निमित्त बनाए गए नियमों में अनुध्यात अपेक्षाओं को भंग करके भू खंडों में विभाजित करता है तो वह अवैध कॉलोनी निर्माण का अपराध करने की श्रेणी मे आता है।
दिया था अहम फैसला
न्यायालय कलेक्टर अवि प्रसाद ने सभी तथ्यों के सूक्ष्म अवलोकन उपरांत भूमि स्वामी घसीटा यादव को अवैध कॉलोनी निर्माण का दोषी पाते हुए उसके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश अनुविभागीय अधिकारी कटनी को दिया था। साथ ही धारा 61(च) की उपधारा 3 की मंशा अनुसार विहित प्राधिकारी को अनावेदक को कारण दर्शित करने की सूचना देने के पश्चात भूमि का प्रबंध धारण करने का अंतरिम आदेश दिया और खसरा अभिलेख में प्रबंधक कलेक्टर की प्रविष्टि दर्ज करने हेतु भूमि का विधिवत कब्जा प्राप्त करने का आदेश पारित किया था। साथ ही इसी आदेश में तहसीलदार रीठी को उक्त भूमि के सभी बटांको में प्रबंधक कलेक्टर की प्रविष्टि दर्ज करने और विधिवत कब्जा भूमि स्वामी से प्राप्त करने के भी आदेश दिए थे।