कटनी – मृत बच्चे के पिता को इंजेक्शन लगवाने के लिए फोन करने के मामले को संज्ञान में लेते हुए कलेक्टर अवि प्रसाद ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए सिविल सर्जन डॉक्टर यशवंत वर्मा को इस पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए। इसके बाद सिविल सर्जन डॉ यशवंत वर्मा ने तेवरी स्लीमनाबाद निवासी श्रीकांत कुशवाहा और श्रीमती प्रिया के मृत बच्चे को इंजेक्शन लगवाने फोन करने और किन परिस्थितियों में इतनी बड़ी त्रुटि की गई, इसकी प्रारंभिक जांच हेतु आर एम ओ डॉ मनीष मिश्रा को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। साथ ही डॉक्टर मिश्रा को जांच उपरांत 24 घंटे के भीतर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। डॉ मिश्रा द्वारा जांच में दोषी पाए जाने वाले स्वास्थ्य कर्मी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
इस संबंध में सिविल सर्जन डॉक्टर वर्मा ने बताया कि श्री मती प्रिया कुशवाहा ने 5 सितंबर को सायं 5रू45 बजे एक निजी चिकित्सालय में पुत्र को जन्म दिया था। प्रिया को कम अवधि 34 सप्ताह का गर्भ था, पैदा होने पर शिशु का वजन मात्र 1.4 किलो ग्राम ही था। साथ ही प्रिया के उच्च रक्तचाप व अन्य जटिलताओं को दृष्टिगत रखते हुए उसे जिला चिकित्सालय कटनी की नवजात गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती कराया गया। बच्चा गंभीर होने के कारण लगातार सी-पेप पर रखा गया। लेकिन दुर्भाग्यवश अंततः द 10 सितंबर की रात्रि 8रू30 बजे बच्चे की मृत्यु हो गई ।बच्चे के शव को उसके पिता ने प्राप्त किया व अंतिम संस्कार हेतु ले गए।
इसी बीच 11 सितंबर को प्रातः नवजात गहन चिकित्सा इकाई के किसी स्टाफ के नाम से मृत बच्चे के पिता श्रीकांत को फोन लगाकर बच्चे को इंजेक्शन लगवाने की जानकारी दी गई। डॉ वर्मा ने बताया कि सामान्यतया कंगारू मदर केयर वार्ड में भर्ती माता के पास रह रहे शिशुओं को इंजेक्शन लगवाने आने के लिए फोन किए जाते हैं ।लेकिन इस मामले में बच्चे की मृत्यु के बाद फोन किए जाने के मामले के सभी पहलुओं की जांच करने के लिए आरएमओ डॉक्टर मिश्रा को जांच अधिकारी बनाया गया है। जो जांच कर अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे