रिपोर्टर सीमा कैथवास
नर्मदापुरम। आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर प्रदेश स्तर पर पुलिस एवं प्रशासन में व्यापक सर्जरी हुई है। 3 वर्षों से एक ही जिले में पदस्थ रहे पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों को स्थानांतरित किया गया है। जिले में भी कई वर्षों से पुलिस महकमे में जमे हुए थाना प्रभारियों के स्थानांतरण हुए हैं। नर्मदापुरम पुलिस अधीक्षक डॉ.गुरकरन सिंह द्वारा जिले में स्थानांतरित होकर आए नवागत निरीक्षकों की पदस्थापना कर दी गई है। प्रदेश के अन्य जिलों से आए निरीक्षकों के लिए थाना प्रभारी का पदभार ग्रहण करने के साथ ही कई प्रकार की चुनौतियों का उन्हें सामना करना होगा। जिसमें सर्वप्रथम तो उन्हें उनके थाना क्षेत्र की वास्तविक स्थिति का आकलन करना होगा,अपराध की स्थिति जाननी होगी, प्रशासनिक कसावट कैसे होगी, राजनीतिक दृष्टिकोण से कैसे सामंजस्य स्थापित होगा सहित शांतिपूर्वक आगामी विधानसभा चुनाव कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की जवाबदारी भी शामिल होगी। आज मंगलवार को जिला मुख्यालय के सिटी कोतवाली थाना में राजधानी भोपाल से स्थानांतरित होकर आए निरीक्षक सौरभ पांडे ने सिटी कोतवाली का पदभार ग्रहण कर लिया है। नवागत टीआई श्री पांडे ने प्रथम मुलाकात में मीडिया को अवगत कराया कि उनकी प्राथमिकताएं सभी प्रकार के अपराधों पर अंकुश लगाना और थाने में शिकायत लेकर आए फरियादी को संतुष्ट करना है। इन सबके बीच नवागत थाना प्रभारी श्री पांडे के लिए नर्मदापुरम जिला मुख्यालय पर गलियों में बिकने वाली ऑन कॉल मिलने वाली अवैध शराब की बिक्री पर अंकुश लगाना बड़ी चुनौती होगा। क्योंकि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा नर्मदा के 5 किलोमीटर के दायरे में शराब के विक्रय पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। जिसके बाद से ही यहां पर रसूखदार शराब माफिया हावी हो चुके हैं। क्योंकि नशे के कारण ही पिछले दिनों एक बेगुनाह वेल्डिंग दुकान संचालक युवक की हिस्ट्रीसीटर बदमाशो द्वारा हत्या भी हो चुकी है। और हर प्रकार की गुंडा लिस्ट भी तैयार करना भी शामिल हैं। शहर में युवाओं , बाईकर द्वारा सड़को पर स्टेंड करने पर भी कंट्रोल करना चुनौती रहेंगी। इसी प्रकार मीनाक्षी चौक से हरियाली चौक रोड पर भी अवैध शराब का कारोबार होता है और देर रात्रि तक खुली रहने वाली दुकान के कारण भी यहां पर अपराध बढ़ रहे हैं। कुछ होटलों में अवैध रूप से शराब परोसने का काम भी धड़ल्ले से होता है। जो कि नशे के कारण विवाद के स्थल भी बनते हैं। इसी प्रकार नर्मदापरम जिला मुख्यालय रेत के अवैध कारोबार को लेकर भी एक चुनौती होती है जिसके कारण होने वाले विवाद पुलिस प्रशासन के लिए मुसीबत बनते हैं। इसी प्रकार जुआ,सट्टा सहित गांजे का अवैध कारोबार भी चुनौती होगी, जिनके पीछे रसूखदारो के हाथ होते हैं? इसी प्रकार सूदखोरी सहित जमीनी विवाद,बैंकिंग फ्रॉड भी यहां बड़े इशू माने जाते हैं।