रिपोर्टर सीमा कैथवास
एसटीआर के बड़े अधिकारी क्षेत्र में हो रहे नवनिर्माण को लेकर राजस्व क्षेत्र होने का बहाना बनाकर अपना पड़ला झाड़ देते है!,सवाल होटल रिसोर्ट का निर्माण क्षेत्रीय अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से किया जा रहा है क्या….??
नर्मदापुरम। पिपरिया, मटकुली, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र बफर जोंन में व्यावसायिक गतिविधियां निरन्तर बढ़ती चली जा रही है। इस पर निरन्तर खबरे भी प्रकशित होती आ रही है पर वन विभाग के बड़े अधिकारी जांच ओर कार्यवाही की बात कर इतिश्री कर लेते है। उसके बाद न कोई जाँच होती है और न ही कार्यवाही । जहाँ एक ओर एसटीआर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बसे बसाये गावो ओर उनमें रहने बाले ग्राम वासियो को वहाँ से हटाकर अन्य जगह विस्थापित किया गया। और दूसरी ओर देखा जा सकता है कि क्षेत्र के पूँजीपति और राजनेतिक लोग कुछ प्रशासनिक लोगो की सहभागिता से इन्ही क्षेत्रो में निरन्तर नियम विरुद्ध नवनिर्माण कार्य कर आलीशान रिसोर्ट ओर होटल बना रहे है। जबकि एसटीआर क्षेत्र जहाँ पर पेड़ो से पत्तियां तोड़ना भी प्रतिबंधित है वहाँ पर सभी नियम और कानून को हवा में उडाते हुए रिसॉर्ट ओर होटल बनाने के चलते पेड़ो की कटाई करते हुए रिसॉर्ट निर्माण चालू कर दिए गए। सूत्रों की माने तो इन नव निर्माण कार्य में जिस रेत का उपयोग किया जा रहा है वह एसटीआर क्षेत्र में आने बाली देनवा नदी से उठाई जा रही है। जहाँ से रेत उठाव पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है। सूत्र बताते हैं कि देनवा नदी में रात होते ही ट्रैक्टर-ट्रालियों से अवैध उत्खनन शुरू कर दिया जाता है तो वहीं दिन के समय मजदूर बोरियों में भर कर रेत की ढुलाई करते हैं। कई रिसोर्ट- होटल मालिकों ने तो बैलगाड़ी से रेत डुलाई के लिए ग्रामीणों को किराये पर रखा हुआ है। जो की दिन भर बैलगाड़ीयों से रेत की ढुलाई किया करते हैं।
एसटीआर प्रबंधन बना रहा है राजस्व ग्रामों का बहाना –
एसटीआर के बड़े अधिकारी क्षेत्र में हो रहे नवनिर्माण को लेकर राजस्व क्षेत्र होने का बहाना बनाकर अपना पल्ला झाड़ लेते है पर यह नही देखते की आखिर वास्तविकता क्या है ? नवनिर्माण एसटीआर क्षेत्र में हो रहे है जबकि मटकुली क्षेत्र जिन में यह अवैध निर्माण कार्य जारी है । यह एसटीआर का इको सेंसेटिव जोन है जहाँ एसटीआर प्रबंधन निर्माण कार्य रोकते हुए निर्माण कर्ताओं पर कड़ी कानूनी कार्यवाही कर सकते है !
मिलीभगत से चल रहे निर्माण कार्य –
एसटीआर क्षेत्र जिसमे मटकुली के नजदीक बन रहे इन होटल रिसोर्ट का निर्माण क्षेत्रीय अधिकारियों और कर्मचारियों की बडी मिलीभगत से किया जा रहा है। एसटीआर क्षेत्र में जहाँ सेकड़ो कर्मचारी चोकीदार है जिनके द्वारा जंगलों के अंदर निरन्तर गश्ती की जाती है। साथ ही साथ एसटीआर क्षेत्र के रेंजर और वरिष्ठ अधिकारी भी इस क्षेत्र की सुरक्षा के लिए निरन्तर सचेत रहते हुए समय समय पर निगरानी पर फील्ड पर जाते है। लेकिन इतना होने के बाद भी क्षेत्र में हो रहे धडल्ले से नवनिर्माण होटल अधिकारियों की आखों में दिखाई नही देते जो ताजुब योग्य कहा जा सकता है। सूत्रों की माने तो इन क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों का कहना है कि एसटीआर क्षेत्र के चौकीदारों ओर अधिकारियों को सब कुछ दिखाई देता है उन्हें यह भी पता रहता है कि यह निर्माण किसका है, किसके द्वारा किया जा रहा है पर जिम्मेदार जान कर भी अनजान बने हुए है ।
रिसोर्ट का कचरा एसटीआर क्षेत्र की देनवा नदी में बहाया जा रहा है –
सूत्रों की माने तो मटकुली क्षेत्र में बने रसूखदार के बड़े रिसोर्ट ओर होटलों में निरन्तर आए दिन बड़े आयोजन होते है। इन आयोजनों के बाद निकलने वाले कचरे को एसटीआर क्षेत्र में बहने बाली देनवा नदी में बहाया जाता है। लेकिन यदि गरीब नदी में पूजन सामग्री डाल दे या कुछ पन्नी नदी में चली जाए तो प्रदूषण फैलता है , लेकिन रिसॉर्ट से निकल कर देनवा नदी में डाले जाने वाला कचरा शायद नदी को प्रदूषण करता है जो इन जिम्मेदारो को नजर नहीं आता है? और एसटीआर प्रबंधन इन पर कोई कार्यवाही नही करता जो ताजुब की बात है। इस संबंध में पूर्व में , फील्ड डायरेक्टर, सतपुड़ा टाईगर रिजर्व से बात की गई थी तब उनके द्वारा कहा गया था कि मटकुली के आसपास एसटीआर के बफर जोन में नवनिर्माण को लेकर शिकायत प्राप्त हुई थी इसको लेकर हमारे द्वारा जाँच की गई नवनिर्माण पर रोक लगा दी गई है। यदि अभी भी कोई निर्माण कार्य जारी है तो जाँच कराते है । निर्माण कार्य एसटीआर क्षेत्र में हो रहे है या राजस्व क्षेत्र में, यदि एसटीआर क्षेत्र में कोई भी निर्माण कार्य करते पाया जाता है तो सख्त कार्यवाही की जायेगी। नदी में कचरा डालना पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है यदि कोई ऐसा करता है तो उन पर भी कार्यवाही होगी। इस संबंध में जब आज फील्ड आफिसर कृष्णमूर्ति सर से मोबाइल पर कॉल किया गया परंतु बात नही हो सकी।